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खास खबर: अब रसोई गैस सिलेंडर भी हुआ महंगा, भाव पहुंचा ₹1000 के समीप, सब्सिडी पर बना संशय

खास खबर: अब रसोई गैस सिलेंडर भी हुआ महंगा, भाव पहुंचा ₹1000 के समीप, सब्सिडी पर बना संशय
राजेश कानोडिया, भागलपुर। फिलहाल पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई राहत मिलने की संभावना दूर दूर तक तो दिखाई नहीं दे रही है। इधर बुधवार से रसोई गैस की कीमत में फिर एक बार पंद्रह रुपये की बढ़ोतरी कर दी गई है। जिसका असर हर घर की रसोई की बजट पर ही पड़ेगा। मामला स्पष्ट है कि पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बढ़ी कीमतों से आगे भी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। जबकि पिछले दो महीने (अगस्त) से रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी भी नहीं मिल पायी है। जिसके कारण सब्सिडी मिलने पर भी संशय बना हुआ है।

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में ईंधन की कीमतों में और बड़ा उछाल देखने को मिलेगा। यह आम आदमी पर बोझ बढ़ाने का काम करेगा। आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसीडेंट (करेंसी व एनर्जी रिसर्च) अनुज गुप्ता के अनुसार अमेरिका में प्राकृतिक गैस 12 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इसकी वजह यह है कि वैश्विक बाजार में ईंधन की आपूर्ति में कमी ने सर्दियों से पहले देश में आशंकाओं को जन्म दिया। इससे गैस की मांग में बड़ा उछाल आया है, जिसने कीमत बढ़ाने का काम किया है। वहीं, तेल निर्यात देशों के संगठन ओपेक ने भी कच्चे तेल का उत्पादन मांग के अनुरूप धीरे-धीरे बढ़ाने का फैसला किया है। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में तरल पेट्रोलियम गैस यानी एलपीजी की कीमत तेजी से बढ़ी है। इसका सीधा असर भारतीय बाजार पर हुआ है और आगे भी होगा। 

उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईंधन की कीमतों में तेजी के मद्देनजर बुधवार को रसोई गैस एलपीजी की कीमत में 15 रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि की गई है। जबकि पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं। पिछले एक साल में रसोई गैस 305.50 रुपये तक महंगा हो चुका है। इस वर्ष 1 सितंबर को 14.2 किलोग्राम के गैर-सब्सिडी रसोई गेस सिलेंडर के दाम में 25 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी। इससे पहले 17 अगस्त को गैस सिलेंडर की कीमतों में 25 रुपये का इजाफा हुआ था। बता दें कि दस महीने के अंदर रसोई गैस की कीमतों में 206 रुपये की बढ़ोतरी हो गई है। इस साल जनवरी में इसकी दर 792.50 थी, फरवरी में 867.50 हो गई थी। इस समय इसकी कीमत 998 रुपये देनी पड़ रही है।