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नाम रूपी गंगा जनमानस का कष्ट हरती है: स्वामी आगमानंद


नव-बिहार समाचार, भागलपुर। मानस सत्संग संकीर्तन समिति के वार्षिकोत्सव के मौके पर 24 घंटे का अष्टयाम अखंड संकीर्तन रविवार को संपन्न हो गया। आदमपुर के भुवनेश्वर भवन स्थित कार्यालय में शनिवार से इस अष्टयाम अखंड संकीर्तन की शुरुआत हुई थी। इस मौके पर शिव शक्ति योग पीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा कि गंगा की धारा तो सीमित क्षेत्र में ही बहकर गंगासागर में मिल जाती है, लेकिन नाम रूपी गंगा हर क्षेत्र में जनमानस का कष्ट हरती है। उन्होंने चैतन्य महाप्रभु की चर्चा करते हुए कहा कि जब पूरा भारत संकट में था और सनातन धर्म पर कुठाराघात हो रहा था। उस समय चैतन्य महाप्रभु ने विभिन्न प्रांतों में नाम रूपी गंगा प्रवाहित की थी। उसी नाम रूपी गंगा को अंग क्षेत्र में महात्मा ढोली बाबा ने प्रचारित और प्रसारित किया।