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सहारनपुर : स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल, कर्फ्यू हटाने पर हो सकता है फैसला


उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जमीन को लेकर दो गुटों में हुए हिंसक झड़पों के बाद स्थिति पर नजर रखने के लिए पुलिस ड्रोन की मदद ले रही है। इस हिंसा में तीन लोग मारे गए हैं जबकि 19 घायल हुए हैं।
आईजी आलोक शर्मा ने कहा, 'यहां गलिया इतनी शकरी हैं कि पुलिस अधिकारियों को वहां पहुंच पाना संभव नहीं है। गलियां तीन से चार फीट चौड़ी हैं। दंगाई इसका फायदा उठा रहे हैं। ऐसे इलाकों में नजर रखने और अपराधियों को पकड़ने में ड्रोन हमारी मदद करेंगे।'
जबकि यूपी सरकार के सचिव भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि स्थिति की समीक्षा करने के लिए दोपहर बाद एक बैठक की जाएगी और शहर में कर्फ्यू हटाने को लेकर फैसला किया जाएगा।  
जिला अधिकारी संध्या तिवारी ने आज कहा, स्थिति कल के मुकाबले बेहतर है। मुझे शहर में कानून-व्यवस्था लागू करनी है और अब स्थिति काफी सामान्य है। यहां शनिवार को दो समुदायों के बीच भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी और 19 अन्य घायल हो गए थे। इस घटना के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया गया था।
इस घटना में पांच पुलिसकर्मी, एक सिटी मजिस्ट्रेट और 13 अन्य घायल हुए हैं। कांस्टेबल शेंसर पाल को चंडीगढ़ पीजीआई में भर्ती कराया गया जहां उनकी हालत गंभीर बताई गई है। भूमि विवाद के बारे में संध्या तिवारी ने कहा, मैं इसमें नहीं जा रही हूं.. निर्माण कार्य रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि हिंसा के सिलसिले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
प्रभावित इलाकों में PAC की 8 कंपनी, CRPF की 6 कंपनी, रैपिड एक्शन फोर्स की 2 कंपनी तथा भारत तिब्बत सीमा पुलिस की 2 कंपनियां तैनात की गई हैं। और उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए। सीएम अखिलेश यादव ने हिंसा पर रिपोर्ट मांगी है।
साथ ही सीएम ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए तथा घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने इस घटना को अत्यन्त दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इस घटना में मरने वालों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए उनके इलाज हेतु बेहतर प्रबंध किये जाने के भी निर्देश दिये हैं।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) मुकुल गोयल ने बताया कि इस दौरान हुई गोलीबारी में हरीश कोचर नामक व्यापारी नेता, आरिफ तथा एक अज्ञात व्यक्ति की मृत्यु हो गई। हिंसा दो समुदाय के लोगों के बीच हुई। इस हिंसक झड़प में पांच पुलिसकर्मी, एक सिटी मजिस्ट्रेट और 13 अन्य लोग जख्मी हो गए। कांस्टेबल शेंसरपाल गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हुआ है, जिसे पीजीआई चंडीगढ़ भेजा गया है।
जिला मजिस्ट्रेट संध्या तिवारी और एसएसपी राजेश कुमार पांडेय ने कल शाम सहारनपुर में मीडिया को बताया था कि उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं। उत्तेजित भीड़ ने कुछ दुकानों को आग लगा दी जिसके बाद स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने रबर की गोलियां चलाई। सहारनपुर के मण्डलायुक्त तनवीर जफर अली ने बताया कि जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और 6 इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। सूत्रों ने बताया कि हालात की नजाकत को देखते हुए सहारनपुर के पूर्व मंडलायुक्त भुवनेश कुमार और स्पेशल टास्क फोर्स के उपमहानिरीक्षक दीपक रतन को सहारनपुर भेजा गया। गोयल ने बताया अब तक मिली सूचना के अनुसार, दो समुदायों के बीच जमीन को लेकर विवाद था जो शनिवार की सुबह तेज हो गया। हिंसा तब शुरू हुई जब कुतुबशेर इलाके में स्थित विवादित जमीन पर एक समुदाय के लोगों ने तड़के निर्माण कार्य शुरू कराया। इस पर दूसरे समूह ने आपत्ति जताई। देखते ही देखते हिंसा भड़क गई।
पुलिस ने बताया कि दोनों की पक्षों के लोगों के बीच टकराव हो गया, गोली चलाई गई, आगजनी हुई और संघर्ष के दौरान कुछ दुकानों को आग लगाए जाने की भी खबर है। कर्फ्यू लगा दिया गया है लेकिन हिंसा की इक्का दुक्का घटनाओं की खबर है। एडीजी ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारी इलाके में डेरा डाले हुए हैं। सहारनपुर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से करीब 170 किमी और यूपी की राजधानी लखनऊ से 560 किमी दूर है।