उत्तर वाहिनी गंगा तट पर अवस्थित बटेश्वर स्थान से
भोले बाबा का आशीर्वाद लेकर भाजपा नेता सह पूर्व मंत्री अश्रि्वनी कुमार चौबे ने गुरुवार अपराह्न अपनी महत्वाकाक्षी हुंकार रथ-यात्रा की शुरुआत की। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सीपी ठाकुर और राष्ट्रीय मंत्री सह प्रदेश प्रभारी विनोद चंद्र पाडेय ने भाजपा का झडा दिखाकर रथयात्रा को रवाना किया।
यह यात्रा पंद्रह जिलों का भ्रमण करते हुए 26 अक्टूबर को पटना पहुंचेगी। कहलगाव और पीरपैंती विधानसभा क्षेत्र के मध्य अवस्थित बटेश्वर धाम से इस अभियान की शुरुआत का अपना राजनीतिक महत्व है। पीरपैंती से भाजपा विधायक अमन कुमार और कहलगाव के अधिकाश नेताओं व कार्यकर्ताओं का समर्थन भी श्री चौबे को सहज ही मिल गया। सभा में संघ और अभाविप के कार्यकर्ता भी अच्छी संख्या में मौजूद थे। रथयात्रा भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, जमुई, कटिहार, शेखपुरा, बेगूसराय, नालंदा, नवादा, खगड़िया, वैशाली, समस्तीपुर, सारण एवं पटना के सीमावर्ती जिलों से होकर गुजरेगी। कुछ कार्यकर्ता समय पर सूचना न मिलने की शिकायत करते दिखे। प्रचार-प्रसार में कोताही का असर भी दीख रहा था। भीड़ अपेक्षाकृत कम जुट पाई। लेकिन, संपूर्ण मंदिर परिसर में इकट्ठा लोगों में नरेन्द्र मोदी के नाम पर काफी उत्साह था। वहीं लोगों का कहना था कि नेताओं को बटेश्वर स्थान और विक्रमशिला के उद्धार के बारे में सोचना चाहिए।
भोले बाबा का आशीर्वाद लेकर भाजपा नेता सह पूर्व मंत्री अश्रि्वनी कुमार चौबे ने गुरुवार अपराह्न अपनी महत्वाकाक्षी हुंकार रथ-यात्रा की शुरुआत की। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सीपी ठाकुर और राष्ट्रीय मंत्री सह प्रदेश प्रभारी विनोद चंद्र पाडेय ने भाजपा का झडा दिखाकर रथयात्रा को रवाना किया।
यह यात्रा पंद्रह जिलों का भ्रमण करते हुए 26 अक्टूबर को पटना पहुंचेगी। कहलगाव और पीरपैंती विधानसभा क्षेत्र के मध्य अवस्थित बटेश्वर धाम से इस अभियान की शुरुआत का अपना राजनीतिक महत्व है। पीरपैंती से भाजपा विधायक अमन कुमार और कहलगाव के अधिकाश नेताओं व कार्यकर्ताओं का समर्थन भी श्री चौबे को सहज ही मिल गया। सभा में संघ और अभाविप के कार्यकर्ता भी अच्छी संख्या में मौजूद थे। रथयात्रा भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, जमुई, कटिहार, शेखपुरा, बेगूसराय, नालंदा, नवादा, खगड़िया, वैशाली, समस्तीपुर, सारण एवं पटना के सीमावर्ती जिलों से होकर गुजरेगी। कुछ कार्यकर्ता समय पर सूचना न मिलने की शिकायत करते दिखे। प्रचार-प्रसार में कोताही का असर भी दीख रहा था। भीड़ अपेक्षाकृत कम जुट पाई। लेकिन, संपूर्ण मंदिर परिसर में इकट्ठा लोगों में नरेन्द्र मोदी के नाम पर काफी उत्साह था। वहीं लोगों का कहना था कि नेताओं को बटेश्वर स्थान और विक्रमशिला के उद्धार के बारे में सोचना चाहिए।