उत्तर प्रदेश
के उन्नाव जिले में डौंडिया खेड़ा गांव में आज से पुरातत्व विभाग खुदाई शुरू
करने जा रहा है। इसे लेकर यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस
ने खुदाई स्थल के पास कड़ा सुरक्षा घेरा बना लिया है। उधर, इसे लेकर
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है जिसमें कोर्ट की निगरानी में
खुदाई कराने की मांग और सेना तैनात किए जाने की मांग की गई है।
सपने में देखा खजाना
हर
जगह यही चर्चा है कि इलाके के संत शोभन ने एक सपना देखा जिसमें एक राजा ने
उनसे खजाने की बात कही। ये कहा कि किले के खंडहर में एक हजार टन सोना दबा
है।
हालांकि आईबीएन7 ने जब संत शोभन से
बात की तो उन्होंने ऐसे किसी भी सपने से इनकार कर दिया। संत शोभन का कहना
है कि उनके सपने की बात अफवाह है। हांलाकि हमारे संवाददाता मनोज राजन से
बातचीत में उन्होंने ये भी दावा किया कि किले में एक हजार टन सोना दबा हुआ
है। और इसके दस्तावेज भी उनके पास हैं।
राजा रामबख्श सिंह का किला
उन्नाव
का डौडिया खेड़ा गांव में राजा राम बख्श सिंह का किला है। किले में वीरानगी
और खंडहर है। कल तक किले के जिस खंडहर में चमगादड़ और उल्लुओं का बसेरा था
आज वहां बाजार सज चुका है। चाय-समोसे की दुकाने सजी हैं। चहल पहल है, रौनक
है, मानो मेला सा लगा हो और हो भी क्यों नहीं लाइव टेलीकास्ट के लिए मीडिया
की ओबी वैन की कतारें लगी हैं। कैमरे हैं। रिपोर्टर हैं। सुरक्षा के लिए
पुलिस के जवान हैं। और दूर-दूर से जुट रहे वो लोग हैं जो यहां खजाने की खोज
का तमाशा देखने पहुंचे हैं।
साधु शोभन सरकार का दावा
पहले
ये कहा गया कि इलाके के लोकप्रिय साधु शोभन सरकार का दावा है कि उनके सपने
में 1857 के शहीद राजा राव राम बख्श आए थे, जिन्होंने किले में खजाना दबे
होने की जानकारी दी। इसके बाद ये खबर सुर्खियां बन गईं। लेकिन जब आईबीएन7
ने सीधे शोभन सरकार से बात की तो उन्होंने कुछ और ही किस्सा बयान किया।
शोभन सरकार का कहना था कि उन्होंने सपने की बात कभी नहीं कही। वो जो भी कह
रहे हैं वो पुख्ता दस्तावेजों के आधार पर कह रहे हैं।
डोडिया
खेड़ा उन्नाव और फतेहपुर में साढ़े तीन हजार टन सोना दबा होने का दावा करने
वाले संत शोभन सरकार से आईबीएन7 संवाददाता मनोज राजन त्रिपाठी ने
एक्सक्लूसिव बातचीत की। शोभन सरकार ने कहा कि आज के युग में सपने के आधार
पर खुदाई नहीं होती। उन्होंने आईबीएन7 को डोडिया खेड़ा में राजा राव राम
बख्श के किले का प्राचीनतम नक्शा दिखाया। नक्शे में किले की हवालात के नीचे
खजाने का निशान बना है। एक कुएं और तहखाने का भी जिक्र है।
साधु
शोभन सरकार के मुताबिक खजाना राव राम बख्श का नहीं बल्कि नाना राव पेशवा
का है। वही पेशवा जिन्होंने तात्यां टोपे और झांसी की रानी के साथ यूपी में
1857 के विद्रोह का नेतृत्व किया था। शोभन सरकार ने ये सारी जानकारी
प्रशासन और सरकार को भेजी तब जा कर राजा राव राम बख्श के किले की खुदाई का
फैसला हुआ।
लग गया है मजमा
खुदाई
के बाद यहां खजाना निकलेगा या नहीं, कोई नही जानता। लेकिन एक कौतूहल जरूर
है जो लोगों को यहां खींचे ला रहा है। हद तो ये है कि कई बड़े लोग भी यहां
पहुंचने लगे हैं। सूत्रों की मानें तो कई केंद्रीय मंत्री, राज्य सरकार के
मंत्री और बड़े नेता भी डौडिया खेड़ा में आकर ये अनुमान लगाने की कोशिश कर
चुके हैं कि किले के खंडहर के नीचे खजाना है या नहीं।
साधु
शोभन सरकार से मिली जानकारी के आधार पर जिस तरह से सरकार हरकत में आई है,
उसके बाद डौडिया खेड़ा गांव गुमनाम जगह नहीं रह गया है, लिहाजा खजाना निकलने
से पहले ही पुलिस को उसकी सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। एएसपी सर्वानन्द
सिंह, उन्नाव ने कहा कि शुक्रवार को यहां सुरक्षा व्यवस्था चौक चौबंद कर
दी जाएगी और एक बटालियन पीएसी तैनात की जाएगी।
सोना मिला तो क्या होगा?
किले
के खंडहर से खजाना निकलना बाकी है लेकिन पुलिस के तैनाती के बाद अब इस
मुद्दे पर भी गंभीर बहस छिड़ गई है कि एक हजार टन स्वर्ण भंडार वाले खजाने
का क्या होगा। ग्राम प्रधान ने एक लंबी चौड़ी चिट्ठी सरकार को भेज दी है,
जिसमें स्कूल से लेकर एशिया का नंबर एक अस्पताल बनवाने तक की मांग है। गांव
के प्रधान अजय पाल ने कहा कि अगर खजाना मिलता है तो यहां हवाई पट्टी का
निर्माण होना चाहिए। कन्या महाविद्यालय खुलना चाहिए।
कहा
जाता है कि 1857 के विद्रोह में राजा राम बख्श को फांसी पर चढ़ाने के बाद
अंग्रेजों ने उनका पूरा परिवार खत्म कर दिया था। लेकिन अब राजा राम बख्श के
वारिस भी सामने आ गए हैं। राज के वंशज होने का दावा करने वाले चंडीवीर
प्रताप सिंह ने कहा कि ये हमारे वंशज है। इसमें हमें भी कुछ मिलना चाहिए।
सरकार को हमारी ओर भी ध्यान देना चाहिए।
शोभन सरकार भी चिंता में
खजाने
को लेकर संत शोभन सरकार भी चिंता में हैं। खबरों के मुताबिक लखनऊ से लेकर
दिल्ली की सरकार तक को लिखी चिट्ठी में उन्होंने देश की गिरती आर्थिक हालत
पर चिंता जताई है। खबरों के मुताबिक उन्होंने खजाने वाली जगह की निशानदेही
करने में एएसआई की मदद भी की है। अब वो सिर्फ अपने शिष्य संत ओमजी महाराज
के जरिए ही बात कर हैं, लिहाजा खजाना है या नहीं इस सस्पेंस से पर्दा उठाने
का पूरा दारोमदार अकेले एएसआई के कंधे पर आ पड़ा है।
आईबीएन7
से एक्सक्लूसिव बातचीत में संत शोभन सरकार ने बताया कि उन्होंने डौंडिया
खेड़ा में ही नहीं बल्कि फतेहपुर में भी ढाई हजार टन सोना दबे होने की
जानकारी दी है, यही नहीं उन्होंने कानपुर के डीएम को भी चिट्ठी लिखकर शहर
में दो जगह खजाना होने की जानकारी दी है।