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पहले दिन की खुदाई खत्म, कल फिर 10 बजे से...


डौंडियाखेड़ा गांव में राजा राव रामबख्श सिंह के किला परिसर में दबे खजाने को लेकर देश में मचे कौतूहल के बीच साधू-संतों द्वारा पूजा पाठ के बाद शुरू हुई खुदाई का काम शुक्रवार को खत्म हो गया है, अब फिर से खुदाई का काम शनिवार सुबह 10 बजे से शुरू होगा। खुदाई का श्रीगणेश डीएम और एसपी ने फावड़ा चलाकर किया।
डौंडियाखेड़ा में हो रही खुदाई में यदि कामयाबी मिल जाती है और एक हजार टन सोना मिल जाता है तो जानकारों के मुताबिक इससे हमें और हमारी अर्थव्यवस्था को कितना लाभ होगा, आइए डालते हैं इस पर एक नजर :
* यदि 10 ग्राम सोने की कीमत 30 हजार रुपया मान लेते हैं तो 1 किलो सोने की कीमत 30 लाख होती है। इस हिसाब से मिलने वाले सोने की कीमत 3 लाख करोड़ रुपये होगी।  
* आइए इस पैसे को जोड़ते हैं हाल ही में लागू भोजन की गारंटी स्कीम से। इतने पैसे से एक अनुमान के अनुसार तीन साल की भोजन की गारंटी सुनिश्चित हो जाएगी।
* हमारा रिजर्व बैंक भी अमीर हो जाएगा। अभी हमारे रिजर्व बैंक के पास 550 टन सोने का रिजर्व है और इस मामले में RBI दुनिया में 11वें नंबर पर है। खजाने से मिलने वाले सोने को जोड़ देने पर RBI दुनिया में 8वें नंबर पर आ जाएगा।
* इससे हमारे रुपये की आंतरिक कीमत (intrinsic value) भी बढ़ जाएगी। खुदाई का कार्य शुरू होने के बीच पिछले दो दिनों से आमतौर पर अलग-थलग पड़े इस किले के आसपास लोगों का हुजूम कौतुहलवश उमड़ने लगा है। आसपास के लोग किले के परिसर में जमा होने लगे हैं। इसे देखते हुए परिसर में बाजार भी सज गए हैं। एक ओर जहां साधु संतों का जमावड़ा है वहीं दूसरी ओर चाट पकौड़े जैसी खाने पीने की दुकाने भी सज गईं हैं। पुलिस और प्रशासन के लोग भी मौके पर मौजूद हैं। खुदाई का कार्य शुरू होने के बीच पिछले दो दिनों से आमतौर पर अलग-थलग पड़े इस किले के आसपास लोगों का हुजूम कौतुहलवश उमड़ने लगा है। आसपास के लोग किले के परिसर में जमा होने लगे हैं। इसे देखते हुए परिसर में बाजार भी सज गए हैं। एक ओर जहां साधु संतों का जमावड़ा है वहीं दूसरी ओर चाट पकौड़े जैसी खाने पीने की दुकाने भी सज गईं हैं। पुलिस और प्रशासन के लोग भी मौके पर मौजूद हैं। खुदाई की शुरुआत का ऐलान करते हुए पूरे अभियान का देखरेख कर रहे डीएम ने कहा कि खुदाई के काम में करीब एक महीने का समय लग सकता है। इससे पहले शोभन सरकार ने दावा किया कि वे सोना निकाल कर दिखाएंगे। वहीं उनके शिष्य स्वामी ओम बाबा ने एएसआई के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे शोभन सरकार के हवन के बाद ही खुदाई करें।  
विवादों का दौर
इस बीच सोने की खोज को लेकर हो रही खुदाई पर विवादों की चमक सोना मिलने से पहले ही चढ़ने लगी है। विहिप नेता अशोक सिंघल ने कहा है कि महज किसी साधू के सपने के आधार पर खुदाई का काम नहीं किया जाना चाहिए था। सरकार का पहले इसकी वैज्ञानिक जांच करवा लेनी चाहिए थी। उधर गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने भी इस खुदाई पर तेज हमले किए हैं। उन्होंने ने कहा कि दुनिया इस खुदई का मजाक उड़ा रही है। मोदी ने कहा कि इससे बेहतर तो ये होता कि सरकार विदेशों में रखे काले धन को वापस लाती। उन्होने कहा कि इससे अंधविश्वास को बढ़ावा मिलेगा।   
दावे-प्रतिदावे
उधर सोने को लेकर दावों-प्रतिदावों का बाजार भी गर्म होने लगा है। यूपी सरकार ने सोने पर अपना दावा जताया है। जबकि भाजपा नेता उमा भारती ने कहा कि एक ट्रस्ट बनाकर सोने को उसके सुपूर्द कर दिया जाए ताकि उसकी लूट से बची इस सबके बीच शोभन सरकार ने भारत सरकार और रिजर्व बैंक एक और पत्र लिख कर तीन और जगहों पर सोना दबे होने की बात की है। उनके मुताबिक इन तीनो जगहों पर करीब 28,000 टन सोना मिल सकता है।   इससे पहले उत्तर प्रदेश में डौंडियाखेड़ा किले में खजाने की खोज के लिए शुक्रवार से खुदाई शुरू करने के काम के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) की टीम ने किला परिसर में डेरा डालकर खुदाई की सभी तैयारियां कर ली थी। टीम ने पैमाइश कर खुदाई की जगह चिन्हित कर दी। डौंडियाखेंड़ा किले में एएसआई के अधिकारियों की टीम के प्रभारी एसपी शुक्ला के निर्देशन में खुदाई का काम शुरू किया जा रहा है। खुदाई वाली जगह पर टीम ने कंट्रास कलर पोल और लकड़ी के खूंटे गाड़े हैं। एएसआई नियमों के अनुसार लगाए गए निशान की दो मीटर की परिधि में पहले खुदाई की जाएगी। गहराई में बढ़ने के साथ ही यह तय होता जाएगा कि कब, कितना और कैसे खुदाई करनी है। एएसआई के सर्किल प्रभारी प्रवीण मिश्र के अनुसार, खुदाई के मामले में विभाग का कोई सख्त मानक नहीं है।
एसपी उन्नाव करेंगे खजाने की सुरक्षा
लखनऊ। डीजीपी मुख्यालय ने उन्नाव के डौंडियाखेडम मंदिर में खजाना मिलने पर उसकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के लिए उन्नाव के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं। आईजी कानून-व्यवस्था राज कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि उन्नाव के पुलिस अधीक्षक ने अतिरिक्त सुरक्षा बल के लिए कोई मांग नहीं की है।  
सपना नहीं, दिव्य शक्ति से मिली जानकारी
उन्नाव। संत शोभन सरकार के अनुयायियों व सेवकों ने अब यह कहना शुरू कर दिया है कि संतश्री को सपने से नहीं, बल्कि दिव्य शक्ति से जमीन में खजाना गडम होने की अनुभूति हुई।  
पूरी कहानी
संतश्री शोभन सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखकर जानकारी दी कि उन्होंने तीन महीने पहले सपने में उन्नाव जिले की बीघापुर तहसील स्थित बक्सर इलाके के डौंडियाखेड़ा गांव में राजा राव रामबख्श सिंह के किला परिसर स्थित जमीन में दबा खजाना देखा है। इसके बाद सरकार ने उन्नाव के डीएम को 3 सितंबर को पत्र लिख मामले की सच्चाई पता लगाने को कहा।
  शासन-प्रशासन के निर्देश पर 10 अक्तूबर को पुरातत्व विभाग की टीम ने संतश्री द्वारा बताई गई जगह का सर्वे किया। सर्वे में किले में 15 से 20 फीट की गहराई में 19 वीं शताब्दी का सोना दबे होने के संकेत मिले हैं। शोभन सरकार का दावा है कि डौंडियाखेड़ा में राजा राव राम बख्श सिंह के किले में 1000 टन सोना सोना दबा है।   
कौन हैं संतश्री शोभन सरकार
कानपुर के मैथा ब्लॉक के शकुलनपुरवा के एक परिवार में शोभन सरकार का जन्म हुआ। वह मंधना के बीपीएमजी इंटर कालेज में पढ़ते थे। मंधना के लोग बताते हैं कि स्कूल में वह खाली समय में पेड़ के नीचे बैठकर रामचरित मानस या गीता पढ़ते थे। हाईस्कूल के लगभग दस साल बाद बाबा ने घर छोड़ दिया। किशोरावस्था (15 वर्ष) में गुरु स्वामी सत्संगानंद जी की शरण में आ गए आश्रम से जुड़े लोग बताते हैं कि स्वामी सत्संगानंद जी बड़े स्वामी के नाम से भी जाने जाते थे। शोभन सरकार ने 8 वर्ष लगातार उनके सानिध्य में तप किया बड़े स्वामी सहिमलपुर गांव ब्लॉक अमौली बिन्दकी फतेहपुर से 70 वर्ष पूर्व दूधी कगार जंगल में आए। वृक्ष के नीचे तपस्या की। बाद में छोटी कुटी बनाई। मवईया बिन्दकी के स्वामी परमानंद की बड़े स्वामी से निकटता थी। शोभन सरकार उन्हें भी गुरु का दर्जा देते थे। शोभन सरकार ने कानपुर स्थित चौबेपुर के सुनौढम, सिंहपुर, मैथा, सरसौल के आगे दूधी घाट में मंदिरों का विकास कराया। बीच में विवाद होने पर उन्होंने मंदिर का सर्वराकार नियुक्त कर आश्रम की रजिस्ट्री तक कर दी। उन्नाव के बक्सर, फतेहपुर के दूधी कगार में भीं आश्रम बनाया। कौन थे राजा राव राम बक्श सिंह
इतिहासकारों के मुताबिक बक्सर के राजा राव राम बख्श सिंह 1857 में आजादी की जंग में अंग्रेजों से पराजित हो गए थे। अंग्रेजों ने बाद में उन्हें फांसी दे दी थी। किले में खजाने की बात से अनजान अंग्रेजों ने बाद में उनका किला व महल ध्वस्त कर दिया था जिसके चलते खजाने का राज वर्षों तक राज ही बना रहा।  
कहां है डौंडियाखेड़ा
यूपी के उन्नाव जिले की बीघापुर तहसील मेंगंगा के किनारे स्थित बक्सर से दो किमी पहले डौडियाखेड़ा गांव पड़ता है। लखनऊ से इसकी दूरी 50 किमी व कानपुर से लगभग 80 किमी है।