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ग्रीन हाइड्रोजन दुनिया की ऊर्जा जरूरत को कर सकता है पूरी, उत्पादन हेतु नई तकनीक जरुरी

ग्रीन हाइड्रोजन दुनिया की ऊर्जा जरूरत को कर सकता है पूरी, उत्पादन हेतु नई तकनीक जरुरी
नव-बिहार समाचार, भागलपुर। ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन हेतु नई तकनीक अपनाई जानी चाहिए। ग्रीन हाइड्रोजन पूरी दुनिया के उर्जा जरूरतों को पूरा कर सकता है। ग्रीन केमिस्ट्री पर ऑनलाइन व्याख्यान देते हुए ये बातें इंडियन केमिकल सोसायटी के अध्यक्ष पद्मश्री प्रोफेसर जीडी यादव ने तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पीजी रसायन विभाग में इंडियन केमिकल सोसायटी के भागलपुर चैप्टर द्वारा जीबी कॉलेज नवगछिया के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे और अंतिम दिन तृतीय वैज्ञानिक सत्र के दौरान कही। उन्होंने यह भी कहा कि इंधन के रूप में किसी भी तरह से कार्बन का उपयोग नहीं होना चाहिए। इस सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर सुदीप कुमार दास ने की। इस सत्र में टोहुकू विश्वविद्यालय जापान के मेरिटस प्रोफेसर माताटील यामाशिता ने क्वांटम कंप्यूटर हेतु मौलिकूलर स्पिन क्यूबिक पर व्याख्यान देते हुए क्रोमियम नाइट्राइट के संदर्भ में स्पिन यूनिट पर चर्चा की।
वहीं कोलकाता विश्वविद्यालय के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष ने आर्टिफिशियल न्यूरो नेटवर्क पर व्याख्यान देते हुए बायोलॉजिकल न्यूरॉन की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। डाटा के संग्रहण एवं व्याख्या हेतु आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क की महत्ता की भी व्याख्या की  नीरी नागपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ तनवीर आरफीम ने फ़्यूरान के रसायनिक एवं पर्यावरण दुष्प्रभाव पर चर्चा की। हर्बिसाइड और पेस्टिसाइड एवं वुड पल्प के उत्पादन के क्रम में फ़्यूरान उत्पन्न होता है। जो कि काफी खतरनाक है। इस दौरान एसएम कॉलेज की डॉ पृथा बसु ने भी अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया जो कैंसर के इलाज से संबंधित था। साथ ही आर एम एल विश्वविद्यालय फैजाबाद के डॉक्टर डी एन सिंह ने मार्फिन कॉलेजेस इन एवं रिपेयरिंग के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की। साथ ही चेकोस्लोवाकिया गणराज्य फ्रांस के डॉक्टर गौरव गांगुली ने डाई पर व्याख्यान देते हुए और फिर इन सिस्टम के यूवी विजिबल स्पेक्ट्रम के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की। 
वही महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय बिहार के डॉक्टर अभिजीत कुमार ने मानव सभ्यता के लिए ड्रग्स एवं कोरोनावायरस डिजीज पर अपना रोचक व्याख्यान दिया। प्लांट्स से ड्रग डिस्कवरी पर भी चर्चा की गई। जहां वैज्ञानिक सत्रों की समाप्ति के बाद इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में पुणे की प्रतिभागी चैताली राय चौधरी ने एक डांस भी प्रस्तुत किया। वहीं पल्लवी कुमारी, शोभा कुमारी एवं डॉ अभिजीत ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन इंडियन केमिकल सोसायटी के भागलपुर चैप्टर की कोषाध्यक्ष डॉ उषा शर्मा ने किया। इस अवसर पर जीबी कॉलेज नवगछिया के डा0 फिरोज अहमद, बांका कॉलेज के रसायन विज्ञान के प्रो राजेंद्र कुमार और शुभजीत सिकदर एवं टीएनबी कॉलेज के शुभाशीष हलधर भी मौजूद थे। मौके पर प्रोफेसर बिंदेश्वरी सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। वही सेमिनार के संयोजक डॉ अशोक कुमार झा ने बताया कि दिनांक 4 फरवरी को कुल 10 आमंत्रित व्याख्यान एवं 10 शोध पत्र पढ़े गए। विभागाध्यक्ष डॉ राजकमल साहू ने पूरे कार्यक्रम हेतु विभाग के कर्मियों को साधुवाद दिया। इस सेमिनार को सफल बनाने में शैलेश, अमित, राहुल आदि की भूमिका सराहनीय रही।