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जानकारी : यातायात नियम तोड़ा तो तीन लाख जुर्माना और कैद भी


मोटर वेहिकल एक्ट की जगह प्रस्तावित रोड ट्रांसपोर्ट एंड सेफ्टी एक्ट के तहत सड़क हादसे में बच्चे की मौत पर कम से कम सात साल की कैद होगी। यातायात नियमों के उल्लंघन पर तीन लाख रुपये तक के जुर्माने व कैद का प्रावधान किया गया है। वाहन रीकॉल को अनिवार्य बनाया गया है। इस प्रस्तावित कानून के प्रावधान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' वि़जन को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। सरकार ने बिल का मसौदा वेबसाइट पर डाल कर लोगों से राय मांगी है।
रोड ट्रांसपोर्ट एंड सेफ्टी बिल, 2014 के मसौदे के कई प्रावधान 1988 के मौजूदा मोटर वेहिकल एक्ट से अलग और सख्त हैं। मसलन, नए बिल में स्कूल बस ड्राइवर के शराब पीकर गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर 50 हजार जुर्माना व तीन साल की कैद, ड्राइवर 18 साल से कम का हुआ तो लाइसेंस तुरंत रद, खास परिस्थितियों में वाहन से बच्चे की मौत होने पर ड्राइवर पर तीन लाख रुपये जुर्माना व कम से कम सात साल की कैद, तीसरी बार लाल बत्ती क्रास करते पकड़े जाने पर 15 हजार रुपये जुर्माने के साथ एक माह के लिए लाइसेंस रद व ड्राइवर को प्रशिक्षण के लिए भेजे जाने के प्रावधान हैं।
असुरक्षित वाहन चलाते पकड़े जाने पर ड्राइवर को एक लाख रुपये जुर्माने के साथ छह माह से एक साल की कैद व खतरनाक ढंग से वाहन चलाने पर ड्राइविंग लाइसेंस रद करने का प्रस्ताव है। शराब पीकर गाड़ी चलाने पर पहली बार 25 हजार जुर्माना या तीन माह की कैद या दोनों व छह माह तक लाइसेंस निलंबन, दूसरी बार में 50 हजार जुर्माना, एक साल कैद या दोनों व एक साल लाइसेंस निलंबन तथा तीसरी बार में लाइसेंस पूरी तरह रद करने व एक माह के लिए वाहन जब्ती का प्रस्ताव है। बच्चों के लिए दोपहिया वाहनों पर हेलमेट पहनना व कार में सीट बेल्ट बांधना अनिवार्य किया गया है। अभिभावक भी जिम्मेदार माने जाएंगे। हेलमेट के भी मानक तय होंगे।
त्रुटिपूर्ण डिजाइन वाले वाहनों का निर्माण करने वाली कंपनी के मुखिया को प्रति वाहन पांच लाख रुपये के जुर्माने के साथ कैद भी हो सकती है। त्रुटिपूर्ण वाहनों के अनिवार्य रीकॉल का प्रावधान भी किया गया है। मौजूदा एक्ट में यह प्रावधान स्वैच्छिक है। नए बिल के अनुसार, वाहनों के समयबद्ध टाइप एप्रूवल के अलावा कारों व दोपहियों का पांच साल में रोडवर्दीनेस टेस्ट अनिवार्य होगा। कलपुर्जो का भी मानकीकरण होगा।
बिल में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा कोष बनाने के अलावा हादसों व मौतों में कमी के सालाना लक्ष्य तय करने के प्रावधान भी किए गए हैं। मृतकों की संख्या में सालाना 20 फीसद की कमी लाने का प्रयास होगा। सार्वजनिक वाहनों की संख्या बढ़ाई जाएगी। पैदल व साइकिल पर चलने को बढ़ावा दिया जाएगा। शहरों में यातायात उल्लंघन को सीसीटीवी कैमरों के जरिये पकड़ा जाएगा। हादसों की रिपोर्टिग का राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर होगा। डॉक्टरों व नर्सो को सड़क हादसा पीड़ितों के उपचार की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। वाहन टक्कर की जांच व रिपोर्टिग की प्रणाली शुरू की जाएगी। सड़क डिजाइन व निर्माण के मानक तय होंगे व सभी सड़कों पर स्पीड लिमिट जरूरी होगी। ओवरलोडिंग खत्म की जाएगी।
विधेयक के खास प्रावधान:
- सड़क हादसे में बच्चे की मौत पर कम से कम सात साल की कैद
- पांच साल पर कारों व दोपहिया वाहनों का रोड वर्दीनेस टेस्ट
- शराब पीकर स्कूल बस चलाने पर 50 हजार जुर्माना, तीन साल की कैद
- तीसरी बार लालबत्ती पार की तो भरना पड़ेगा 15 हजार जुर्माना
- त्रुटिपूर्ण वाहनों का अनिवार्य रीकॉल, निर्माता पर पांच लाख जुर्माना
-दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल मदद के लिए मोटर दुर्घटना कोष बनेगा
-पूरे देश में चालक लाइसेंस के लिए बनेगी एकीकृत प्रणाली
-बिल के प्रावधान प्रधानमंत्री के 'मेक इन इंडिया' विजन के अनुरूप