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जयललिता को जेल,लगा 100 करोड़ का जुर्माना


आय से अधिक संपत्ति‍ के मामले में बेंगलुरु की एक अदालत ने तमलिनाडु की मुख्‍यमंत्री जयललिता को चार साल की सजा सुनाई है. उनपर 100 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया हे. टीवी रिपोर्ट के अनुसार वह जमानत नहीं ले सकतीं हैं और उन्हें जेल जाना पड़ेगा. सजा सुनते ही उन्होंने बेचैनी की शिकायत की जिसके बाद उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया.

यह मामला कोर्ट में 18 साल से चल रहा था. जयललिता के खिलाफ भाजपा के पूर्व नेता डा. सुब्रमनियम स्‍वामी ने 14 जून 1996 को आय से अधिक संपत्ति मामले में मुकदमा दायर किया था. जिसपर कोर्ट ने आज उन्हें सजा सुनाई. जयललिता को मुख्‍यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा. 
तकनीकी पहलू
आय से अधिक संपत्त‍ि मामले में जयललिता को सजा मिलने के बाद तमिलनाडु की राजनीति गरमा गई है. जनप्रतिनिधि एक्ट के अनुसार यदि किसी एमपी या एमएलए को दो वर्ष से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाती है. इसके अनुसार जयललिता को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा. हालांकि कानूनी रुप से वो इस फैसले के खिलाफ आगे अपील कर सकतीं हैं. जयललिता के राजनीतिक भविष्‍य अब न्यायालय के फैसले पर पूर्ण रुप से निर्भर करेगा. अभी हाल में ही विभिन्न न्यायालयों के द्वारा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रशिद मसूद और राजद अध्‍यक्ष लालू प्रसाद यादव सजा सुनाये जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

उड़ती उम्मीदों को झटका

2014 के लोकसभा चुनाव में जयललिता की पार्टी एआइडीएमके ने काफी शानदार प्रदर्शन किया था. उनके इस प्रदर्शन से जयललिता राष्‍ट्रीय राजनीति के पटल पर आ गईं थी. मीडिया ने उन्हें प्रधानमंत्री की दौड़ में भी शामिल कर लिया था. लोकसभा चुनाव में 39 सीट में से 37 सीट जीतकर एआइडीएमके ने अपने प्रतिद्वंदी डीएमके के जोरदार झटका दिया था. राष्‍ट्रीय राजनीति पर छाने के बाद उनकी उम्मीदें काफी ज्यादा दिख रहीं थीं. सपा और जदयू जैसे दल इनके साथ गंठबंधन करने को भी तैयार थे. आय से अधिक संपत्त‍ि मामले में सजा मिलने के बाद उनकी राजनीतिक उड़ान को झटका लगा है.

दमदार वापसी करने में माहिर हैं जयललिता

तमिलनाडु की राजनीति में जयललिता का अपना अलग महत्व है. वह अपने प्रतिद्वंदी से कभी हार नहीं मानतीं हैं. जब -जब उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा वह उतने ही दुगने उत्साह के साथ अगले चुनाव में वापसी की. वह 1991 से 1996 तक तमिलनाडु की मुख्‍यमंत्री रहीं. इसके बाद 1996 के लोकसभा चुनाव में उन्हें डीएमके के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा लेकिन फिर उन्होंने 2001 के चुनाव में शानदार वापसी की. वह तीन बार तमिलनाडु के मुख्‍यमंत्री के पद पर आसीन हो चुकीं हैं.

तमिलनाडु की राजनीति पर असर
मुख्‍यमंत्री जयललिता को सजा मिलने के बाद एआइडीएम में उनकी कुर्सी कौन संभालेगा इसकी चर्चा जोरों पर है. खबरों की माने तो पार्टी के अंदर एक सेल का निर्माण हो चुका है जो जयललिता के इशारों पर काम करेगा. इससे पहले भी कई प्रदेशों में इस प्रकार की स्थिति देखी जा चुकी है. जयललिता को सजा सुनाये जाने के बाद विपक्षी पार्टी डीमके खेमे में खुशी की लहर है. डीएमके को उम्मीद है कि अदालत के इस फैसले से उन्हें प्रदेश में राजनीतिक तौर पर फायदा मिलेगा. 2016 में फिर विधान सभा चुनाव होने हैं. यदि इस वक्त जयललिता जेल में रहतीं हैं तो डीएमके को इसका फज्ञयदा मिलेगा.

आय से अधिक संपत्त‍ि में जयललिता की चुप्पी

1991 में जब जयललिता ने मुख्‍यमंत्री पद संभाला उस वक्त उनकी संपत्ति करीब 3 करोड़ थी लेकिन पांच साल में उनकी संपत्ति‍ करीब 66 करोड़ पाई गई. इस सवाल का जवाब देने में वह असमर्थ दिखीं. उनके पास से 10 हजार साडियां 28 किलो सोना और 896 किलो चांदी की बरामदगी हुई थी.