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प्लास्टिक की जगह बाजार में उतरा कागज का तिरंगा


राजेश कानोडिया, नवगछिया। भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा इस वर्ष से प्लास्टिक के तिरंगे के इस्तेमाल और बिक्री पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया गया है। लेकिन कारोबारियों द्वारा सरकार के कदम के साथ कदम मिलाते हुए अब बाजार में प्लास्टिक की जगह काफी मजबूत और चिकने कागज का तिरंगा उतार दिया गया है। इसकी मांग भी अच्छी देखी जा रही है। जिसकी कीमत प्लास्टिक के तिरंगे से ज्यादा जरूर हैपर तिरंगे की अहमियत के सामने कीमत कुछ भी नहीं होती है।

क्या है कीमत
पिछले साल तक बिकने वाले प्लास्टिक के छोटे तिरंगे की कीमत जहां मात्र एक रुपये थी। वहाँ इस साल कागज वाले तिरंगे की कीमत पाँच रुपये है। इसके अलावा दो रुपये वाले प्लास्टिक के तिरंगे की जगह कागज वाले तिरंगे की कीमत दस रुपये बताई जा रही है।  

कपड़े वाले भी हैं तिरंगे 
इसके अलावा बाजार में कपड़े के तिरंगे भी बाजार में बिकने शुरू हो चुके हैं। कपड़े का तिरंगा छोटे साइज का पचास रुपयेमझौला साइज का एक सौ तीस रुपये तथा बड़े साइज का ढाई सौ रुपये तक का तिरंगा बाजार में उपलब्ध हो रहा है।
वैसे कपड़े वालों तिरंगों का निर्माण खादी भंडार द्वारा भी कराया जाता रहा है। लेकिन इसकी कीमत कुछ ज्यादा होने के कारण आईएएसके खरीदार कम ही मिलते हैं।

अन्य सामग्री भी है उपलब्ध
स्वतंत्रता दिवस को पूरे जज्बे के साथ मनाने को लेकर इसमें उत्साह भरने के लिए बाजार में तिरंगे के अलावा अन्य सामग्री भी उपलब्ध है। जैसे कपड़े का पट्टा मात्र पंद्रह रुपये में बिक रहा है। वहीं तिरंगा डिजाइन का बैच पाँच से दस रुपये तक में उपलब्ध है। इसके अलावा गांधी टोपी भी तीस रुपये में आसानी से मिल रही है।

क्या कहते हैं विक्रेता
जन जन द्वारा देश की शान बढ़ाने के लिए इन सामानों के बिक्रेता कुणाल गुप्ता और पवन कुमार कहते हैं की हमें तो देश और राज्य की सरकार के साथ चलना है। देश और राज्य हित के साथ ही व्यापार करना है। इसलिए इस बार से प्लास्टिक की जगह कागज के तिरंगे की बिक्री की जा रही है।