
वॉशिंगटन से प्राप्त ख़बर के मुताबिक अमेरिका के प्रभावी सांसदों के समूह में इसको लेकर सहमति बन गई है. हालांकि ग्रीनकार्ड चाहने वाले हजारों भारतीय पेशेवरों के मामले में सहमति बनना अभी
बाकी है.
अमेरिकी राष्ट्रपति निवास व्हाइट हाउस ने शीर्ष आठ सांसदों द्वारा घोषित समझौते को बड़ी उपलब्धि बताया है. इस समझौते के तहत 1.15 करोड़ अवैध आवजकों को नागरिकत देने की राह प्रशस्त करने का प्रस्ताव है. इन आवजकों में से तीन चौथाई से अधिक (77 प्रतिशत या 89 लाख) उत्तरी अमेरिका से हैं. इसमें कनाडा, मेक्सिको, कैरेबियाई तथा मध्य अमेरिका के आवजक भी हैं.
सांसद चार्ल्स शूमर ने आवजन कानून में सुधार के संबंध में सात अन्य प्रभावशाली सांसदों के साथ बैठक के बाद कहा ‘‘हमने व्यापक आवजन सुधार के लिए द्विदलीय सिद्धांत पेश किया है और हमें उम्मीद है कि ऊपरी सदन (सीनेट) इसे पारित कर देगी.’’
अवैध आवजकों में सबसे अधिक संख्या 68 लाख मेक्सिको से आये लोगों की है.
गृह सुरक्षा विभाग ने मार्च 2012 में एक रपट में अनुमान लगाया था कि 2011 में भारत से 2,40,000 अवैध आवजक थे. आवजन नियमों में सुधार का फायदा इन आवजकों को मिलेगा.
एशियाई देशों से अवैध आवजकों में भारत चीन व फिलिपींस के बाद तीसरे नंबर पर आता है. हालांकि, सांसदों या राष्ट्रपति बराक ओबामा के मसौदे (ब्लूप्रिंट) में ग्रीन कार्ड पर देश विशेष के लिए कोटे को समाप्त करने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है.