गुरुपूर्णिमा को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किए जाने की पुरज़ोर मांग
पटना में श्री शिव शक्ति योग पीठ के तत्वावधान में होगा भव्य आयोजन
राजेश कानोड़िया, नव-बिहार समाचार। आषाढ़ पूर्णिमा को गुरुपूर्णिमा मनाई जाती है, जो भारतीय संस्कृति में गुरु–शिष्य परंपरा का प्रतीक है। यह दिन न केवल आध्यात्मिक गुरुओं को सम्मान देने का अवसर है, बल्कि यह शिक्षा, संस्कृति और मार्गदर्शन की उस परंपरा को भी श्रद्धांजलि है, जिसने भारत को ‘विश्वगुरु’ का दर्जा दिलाया। यह दिन महर्षि वेद व्यास के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्हें हिंदू धर्म में सबसे महान गुरुओं में से एक माना जाता है। इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। गुरुपूर्णिमा के मौके पर इस बार श्री शिव शक्ति योग पीठ, नवगछिया के तत्वावधान में पटना में गुरुपूर्णिमा महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 10 जुलाई 2025 को गेट पब्लिक लाइब्रेरी, गर्दनीबाग, पटना में आयोजित किया जाएगा।
श्री शिव शक्ति योग पीठ, नवगछिया के तत्वावधान में आयोजित इस आयोजन में काफी संख्या में देशभर से श्रद्धालु, संतगण और शिष्यगण उपस्थित होंगे। कार्यक्रम की विशेष गरिमा रहेगी परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज की उपस्थिति। जो श्री उत्तर तोताद्रि मठ, अयोध्या धाम के उत्तराधिकारी एवं श्री शिव शक्ति योग पीठ, नौगछिया के पीठाधीश्वर हैं। इस वर्ष के महोत्सव की एक और विशिष्टता यह है कि इसमें बिहार के महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति महोदय की विशेष गरिमामयी उपस्थिति इस आध्यात्मिक पर्व के महत्व को और अधिक विस्तार देगा।
गुरुपूर्णिमा के इस पावन अवसर के पूर्व स्वामी आगमानंद जी महाराज ने गुरु–शिष्य परंपरा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह पर्व भारतीय संस्कृति की आत्मा है, और इसे राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मान्यता मिलनी ही चाहिए।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 से वे और उनकी संस्था इस दिशा में लगातार प्रयासरत हैं और समय-समय पर कई बार इस विषय को प्रमुखता से उठाते रहे हैं।
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शम्पू कुमार सिंह ने जानकारी दी कि वर्ष 2022 में बिहार में कोशी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के विधान पार्षद डॉ. संजीव कुमार सिंह जी ने यह मुद्दा बिहार विधान परिषद में गंभीरता से उठाया है। इतना ही नहीं, वर्ष 2023 में बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद जी ने भी इस महोत्सव में भाग लेकर यह आश्वासन दिया था कि वे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से गुरुपूर्णिमा को राष्ट्रीय अवकाश घोषित कराने हेतु अपने स्तर से सार्थक प्रयास करेंगे।
मांग:
1. गुरुपूर्णिमा को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मान्यता दी जाए।
2. भारतीय संस्कृति में गुरु–शिष्य परंपरा के महत्व को शिक्षा प्रणाली में सम्मिलित किया जाए।
3. सभी राज्य एवं केंद्रीय संस्थानों में इस दिन को श्रद्धा व गौरव के साथ मनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।