नवगछिया: बड़ी घाट ठाकुरबाड़ी में "हे नाथ नारायण वासुदेव" के गीत से प्रारंभ हुई पुराण की कथा
नवगछिया- बड़ी घाट ठाकुरबाड़ी में आयोजित एकादश अभिषेकात्मक महारूद्र यज्ञ के आठवें दिन दिन में शिव महापुराण कथा का वाचन महंत सिया वल्लभ शरण महाराज जी श्री, श्री राम कथा का वाचन बैधनाथ धाम से आए हुए संत महेंद्र पांडेय, वृंदावन से पहुंची सुश्री रिचा एवं शाम को विद्यावाचस्पति डॉ० श्रवण जी शास्त्री ने मत्स्य महापुराण का वाचन किया। विद्यावाचस्पति डॉ० श्रवण शास्त्री जी को यज्ञ समिति के संरक्षक कांतेश कुमार उर्फ टीनू एवं मत्स्य महापुराण के मुख्य यजमान शिक्षाविद विश्वास झा सपत्नीक शिखा कुमारी एवं पं० अविनाश मिश्रा उर्फ जैकी बाबा सपत्नीक तृप्ति मिश्रा ने माल्यार्पण कर मणि मुकुट एवं अंगवस्त्र से सम्मानित किया। वहीं मत्स्य महापुराण कथा के दौरान बामन अवतार की झांकी का भी परिदृश्य हे नाथ नारायण वासुदेव के गीत से प्रारंभ किया गया। जिसमें रूपेश कुमार, केशव, शांतनु, कली, आनंद झा, आशीष कुमार, अमरदीप आचार्य आदि से भाग लिया। वहीं दूसरी तरफ दिन के अभिषेक में रानी कुमारी एवं रात्रि के अभिषेक में ने सपरिवार सम्मलित हुए। मौके पर सैकड़ों श्रद्धालुओं सहित यज्ञ समिति के त्रिपुरारी कुमार भारती, प्रवीण भगत, मिलन सागर, वैदिकाचार्य ललित शास्त्री, कृष्ण भगत, संतोष यादुका सहित अन्य लगे रहे। मालूम हो कि काशी, बनारस, दरभंगा सहित अन्य स्थानों से पहुंचे हुए पंडित विद्वानों द्वारा अभिषेकात्मक महारूद्र यज्ञ करवाई जाती है। वहीं रात्रि में भव्य श्रृंगार व आरती में भजन कीर्तन पर भक्तों को खूब आनंद मिला।