हमारे देश का राष्ट्रीय पक्षी मोर है परंतु गोवा सरकार की नजर में वह जंगली हो गया है। यही नहीं गोवा सरकार ने ऋतुओं के परिवर्तन के प्रतीक इस प्यारे पक्षी को हानिकारक जीव की श्रेणी में रखने का प्रस्ताव भी दे दिया है।
गोवा के कृषि मंत्री रमेश तवाडकर के मुताबिक मोर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और उन्हें कम किया जाना चाहिए। इसके अलावा जिन जानवरों को हानिकारक जीव की सूची में गोवा सरकार रखना चाहती है उनमें बंदर, जंगली सूअर और गोवा का राज्य जानवर जंगली बाइसन भी है।
तवाडकर के मुताबिक मोरों और दूसरे जानवरों की वजह से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक कमेटी भी बना दी गई है। सरकार को कुछ किसानों ने कहा है कि मोर उनके पहाड़ी इलाकों में मौजूद खेतों में खड़ी फ़सलें खराब कर रहे हैं।
भारत में मोर को विशेष दर्जा मिला है
मोर न सिर्फ भारत का राष्ट्रीय पक्षी है बल्कि वन्यजीव संरक्षण कानून 1972 के तहत संरक्षित पक्षियों की श्रेणी में है।
मोर न सिर्फ भारत का राष्ट्रीय पक्षी है बल्कि वन्यजीव संरक्षण कानून 1972 के तहत संरक्षित पक्षियों की श्रेणी में है।
पेटा ने किया विरोध
जानवरों के अधिकारों पर काम करने वाली संस्था पेटा ने गोवा सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। पेटा इंडिया की पूर्वा जोशीपुरा के मुताबिक अगर गोवा पर्यटक मानचित्र पर रहना चाहता है तो लोगों की उससे उम्मीद है कि वह जानवरों के लिए भी स्वर्ग बना रहे।
जानवरों के अधिकारों पर काम करने वाली संस्था पेटा ने गोवा सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। पेटा इंडिया की पूर्वा जोशीपुरा के मुताबिक अगर गोवा पर्यटक मानचित्र पर रहना चाहता है तो लोगों की उससे उम्मीद है कि वह जानवरों के लिए भी स्वर्ग बना रहे।
नारियल पर गोवा सरकार की टेढ़ी नजर
हाल ही में गोवा सरकार ने नारियल को पेड़ों की श्रेणी से हटा दिया था ताकि इन्हें काटने पर कोई रोक न लगी रहे। जबकि इससे पहले ये संरक्षित पेड़ की श्रेणी में था। हालांकि काफी विरोध के बाद सरकार ने इस फैसले पर रोक लगा दी है।
हाल ही में गोवा सरकार ने नारियल को पेड़ों की श्रेणी से हटा दिया था ताकि इन्हें काटने पर कोई रोक न लगी रहे। जबकि इससे पहले ये संरक्षित पेड़ की श्रेणी में था। हालांकि काफी विरोध के बाद सरकार ने इस फैसले पर रोक लगा दी है।