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वन विभाग के अधिकारी की लापरवाही से नवगछिया में हुई एक दुर्लभ पक्षी गरुड़ की मौत

वन विभाग के अधिकारी की लापरवाही से नवगछिया में हुई एक दुर्लभ पक्षी गरुड़ की मौत
नव-बिहार समाचार। वन विभाग के अधिकारी की लापरवाही से नवगछिया में दुनिया के एक दुर्लभ पक्षी गरुड़ की मौत हो गई। शुक्रवार सुबह एक बड़ा गरुड़ बिजली के तार की चपेट में आने से घायल होकर बहतरा गांव में गिर पड़ा। जिसे ग्रामीण विनोद कुमार पिता परमानंद मंडल ग्राम- बहतरा (राघोपुर के पास) नवगछिया ने इसे सुरक्षित किया। इसे बिजली का करंट भी लगने का अनुमान बताया गया। इसलिए इसे चौकी पर भी रखा गया। इसका एक पंख भी क्षतिग्रस्त बताया जा रहा था।

यह जानकारी कदवा के गरुड़ सेवियर डॉ नगीना राय और भागलपुर स्थित मंदार नेचर क्लब के अरविंद मिश्रा को दी गई। इन दोनों के द्वारा नवगछिया स्थित वन विभाग के रेंजर साहब को तत्काल जानकारी सुबह लगभग 9:30 दी गई। लेकिन, उक्त घायल की सुधि लेने को रेंजर साहब दोपहर लगभग 12:30 बजे पहुंचे। तबतक वह दुनिया का दुर्लभ पक्षी अपनी जिंदगी की जंग हार कर स्वर्ग सिधार चुका था। अगर समय रहते उस घायल गरुड़ का सही उपचार हो जाता तो शायद गरुड़ों की संख्या में एक गरुड़ आज कम नहीं होता।

बता दें कि नवगछिया गरुड़ों की प्रजनन स्थली बना हुआ है। जिसकी संख्या में वृद्धि के लिए और उसकी सुरक्षा के लिए क्षेत्र के बच्चों से लेकर बूढ़े तक चिंतित रहते हैं। उसकी हर संभव सहायता को तैयार रहते हैं। नवगछिया के कदवा में गरुड़ों की संख्या में हो रही कमी को रोकने और उसे उपयुक्त माहौल देकर संख्या में वृद्धि के उद्देश्य को लेकर कदवा में फोरलेन सड़क का रास्ता बदला गया। गरुड़ों के क्षेत्र से गुजरने वाले बिजली के तार को एक किलोमीटर तक अंडरग्राउंड भी किया गया। इसके बावजूद शुक्रवार को समय रहते एक घायल गरुड़ को बचाया नहीं जा सका। जिसे स्थानीय लोग विभागीय अधिकारी की लापरवाही मान रहे हैं। अगर विभागीय अधिकारी की यही स्थिति रही तो दुनिया से विलुप्त होने के कगार पर बचे गरुड़ों को कैसे बचाया जा सकेगा।