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कैबिनेट में मोदी का बड़ा फैसला- अब कैश में नहीं मिल पाएगी सैलरी

नईदिल्ली। केंद्र सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में फैसला किया है कि अब कैश में सैलरी नहीं मिलेगी। अब चेक या अकाउंट में ही सैलरी देनी होगी। इसे डिजिटल इंडिया की तरफ उठाया गया एक कदम माना जा रहा है। फिलहाल इस फैसले पर राष्ट्रपति प्रणब मुर्खजी के साइन होना बाकी हैं।
सरकार के इस फैसले से उन लोगों को परेशानी हो सकती है जो मजदूरी करते हैं और रिहाड़ी पर उन्हें सैलरी मिलती है।
गौरतलब है कि सरकार लोगों को कैशलेस ट्रांस्जेक्शन की तरफ आकर्षित करने के लिए पहले भी कई कदम उठा चुकी है। इसमें ग्राहक योजना की शुरुआत होगी, जो 14 अप्रैल तक चलेगी। इसके तहत ग्राहकों को लकी ड्रॉ के जरिए 1 करोड़, 50 लाख और 25 लाख का इनाम दिया जाएगा। इसके अलावा 15000 ग्राहकों को रोजाना 1000 रुपए का इनाम दिया जाएगा। वहीं, व्यापारियों के लिए भी लकी ड्रॉ की योजना शुरू की गई है।
हालांकि, डिजिटल ट्रांजेक्शन की तरफ ले जाना इतना भी आसान नहीं है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2016 में 10 में से 9 लोग डेबिट कार्ड का इस्तेमाल सिर्फ एटीएम से पैसे निकालने के लिए करते हैं। आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल 94.2 करोड़ डेबिट कार्ड हैं। अक्टूबर के महीने में डेबिट कार्ड की मदद से 2.63 लाख करोड़ रुपयों का ट्रांजेक्शन हुआ। लेकिन उसमें से 90 प्रतिशत पैसा एटीएम से ही निकाला गया था। कुल आठ प्रतिशत मामले ऐसे थे जिसमें डेबिट कार्ड का इस्तेमाल पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) पर किया गया। जिसमें सामान और सर्विस को कार्ड की मदद से लिया जाता है। लगभग 50 प्रतिशत डेबिट कार्ड ऐसे हैं जो लगातार इस्तेमाल किए जाते हैं लेकिन पीओएस पर उनका इस्तेमाल भी 6-8 प्रतिशत ही है। यह हैरान कर देने वाला इसलिए है क्योंकि देश में एटीएम की संख्या कुल 2.20 लाख हैं वहीं पीओएस मशीन 15.12 लाख हैं।