नौ राज्यों में लोकसभा की तीन और विधानसभा की 33 सीटों के लिए हुए उपचुनावों के नतीजे आज सबके सामने आएगा. जहां इन नतीजों को पीएम मोदी और एनडीए के लिए एक बड़ा टेस्ट बताया जा रहा है वहीं उन पार्टियों के लिए भी ये नतीजे कई मायने में अहम होंगे जो लोकसभा में मोदी लहर में बह गए थे.
लोकसभा की जिन तीन सीटें पर नतीजे आने वाले हैं वो है पीएम मोदी के इस्तीफे के बाद रिक्त हुई वडोदरा (गुजरात), सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के इस्तीफे के बाद रिक्त हुई मैनपुरी (उत्तर प्रदेश) और मेडक (तेलंगाना) की जहां के सी चंद्रशेखर राव के मुख्यमंत्री बनने से सीट खाली हुई थी.
जबकि विधानसभा की 33 सीटों में से उत्तर प्रदेश में 11, गुजरात में नौ, राजस्थान में चार, पश्चिम बंगाल में दो, पूर्वोत्तर राज्यों में पांच और छत्तीसगढ एवं आंध्र प्रदेश में एक एक सीट शामिल है.
विधानसभा की इन सीटों में से 24 सीटें भाजपा के पास थी जबकि एक-एक सीट उसके सहयोगी दल तेदपा और अपना दल के पास थी.
महज चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा की भारी जीत के बाद अब नजरें इस बात पर लगी है कि क्या भाजपा लोकसभा चुनाव के अपने प्रदर्शन को दोहरायेगी और अपनी दस सीटें बचा पायेगी. एक सीट उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल के पास थी.
पिछले महीने हुए विधानसभा उपचुनावों में भाजपा को उस समय थोड़ा झटका लगा था जब बिहार में उसे दस में से मात्र चार सीटें मिली थी और कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश में उसे एक एक सीट कांग्रेस के हाथों गवानी पड़ी थी.
कल के चुनाव नतीजों को करीब साढे तीन महीने से सत्ता संभाल रही नरेन्द्र मोदी सरकार की लोकप्रियता की एक और जांच के रूप में देखा जा रहा है. यह अगले महीने महाराष्ट्र एवं हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भी महत्वपूर्ण है जहां भाजपा कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने की आस लगाये हुए है.
उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा सीट और 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ है जहां करीब 53 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. मैनपुरी लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के इस्तीफे के कारण रिक्त हुई है . गत आम चुनाव में मुलायम सिंह यादव दो जगहों से जीते थे. सपा ने इस बार मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई के पोते तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है. पार्टी पर चुनौती न सिर्फ सीट जीतने की है बल्कि पिछली बार के मतों के भारी अंतर को बनाये रखने की भी है.
उत्तर प्रदेश की विधानसभा की 11 सीटें हैं लखनड, ठाकुरद्वारा, नोएडा, निघासन, चरखरी, बिजनौर, हमीरपुर, बलहा, सहारनपुर नगर, रोहनिया और सिराथू .
राजस्थान में जिन चार सीटों के लिए उपचुनाव हुआ है वहां मुख्य मुकाबला विपक्षी कांग्रेस और सत्तारूढ भाजपा के बीच है. भाजपा ने सभी चारों सीटों सूरजगढ , नसीराबाद, कोटा दक्षिण और वैर विधानसभा सीट को अपने पास बनाये रखने के लिए पूरी ताकत झोंकी है. इन सीटों पर 66 फीसदी मतदान हुआ है .
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस पार्टी बशीरहाट और चौरंगी विधानसभा सीट पर अपना कब्जा बनाये रखने की उम्मीद कर रही है .गुजरात में इस उपचुनाव को नरेंद्र मोदी की उत्तराधिकारी आनंदी बेन पटेल के लिए लिए पहली परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है . छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित कांकेर जिले के अनंतगढ़ के अलावा असम की तीन विधानसभा सीटों वहीं त्रिपुरा की मनु सीट पर 87 फीसदी मतदान हुआ.
आंध्र प्रदेश की नंदीगाम विधानसभा सीट पर 68 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. वहां तेदेपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला है.
मेडक लोकसभा सीट पर टीआरएस उम्मीदवार के प्रभाकर रेड्डी का भाजपा के टी जयप्रकाश रेड्डी से मुकाबला है . के सी चंद्रशेखर राव के मुख्यमंत्री बनने से यह सीट खाली हुई है.