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नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल का फाइल फोटो |
नवगछिया अनुमंडल में स्वास्थ्य सेवा बदहाली के दौर से गुजर रही है। अनुमंडलीय अस्पताल हो या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मरीजों का आर्थिक दोहन जारी है। वहीं चिकित्सक के अभाव में घायलों के चीखने-चिल्लाने, बच्चों के मरने का सिलसिला जारी है। सरकार का घर-घर चिकित्सा सुविधा पहुंचाने का दावा खोखला साबित हो रहा है। आलम यह है कि धोखाधड़ी के एक मामले में स्वास्थ्य प्रबंधक को कई माह तक हिमाचल प्रदेश के जेल में गुजारना पड़ा।
बगल में नवगछिया पीएचसी है जिसका कोई लाभ नहीं है। प्रखंड परिसर में पीएचसी रहने से घायलों को इसका फायदा मिलता। पूर्व एसपी आनंद कुमार सिंह, प्रमुख मंकेश्वर सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार सिंह, राजेश कानोडिया, नवगछिया बीडीओ ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को प्रखंड में स्थानांतरित करने की भी मांग की थी।
गोपालपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भगवान भरोसे चलता है। यहां कोई चिकित्सक नहीं रहते हैं। घायलों, गंभीर रूप से बीमार लोगों के इलाज के लिये रात के समय कोई डॉक्टर नहीं मिलते। यहां कई बार मरीजों के परिजनों ने हंगामा किया। आयुक्त गये जांच की परंतु हालात आज भी बदत्तर स्थिति में है।
यही हाल बिहपुर पीएचसी का है। मरीजों के आर्थिक दोहन के अलावे चिकित्सक की उदासीनता से बच्चों की मौत के बाद यहां हंगामा हो चुका है।