यूपी के नेताओं की बदतमीज जुबान बदस्तूर फिसल रही है. ताजा मामला है सपा
सरकार के मंत्री का. शालीनता की धज्जियां उड़ाते हुए मंत्री जी ने पूर्व
मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती को बदसूरत, भ्रष्टाचारी और
दुराचारी कह डाला.
ये मामला है उत्तर प्रदेश के गाजीपुर इलाके का. यहां बुधवार रात को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की बैठक थी. इसकी सदारत कर रहे थे टूरिज्म मिनिस्टर ओमप्रकाश सिंह. छुटभैये नेताओं के भाषण के दौरान सामने बैठे कार्यकर्ता खड़े होकर शोरगुल कर रहे थे. इस पर मंत्री जी झल्ला गए और माइक पर आकर बोले कि अगर आप लोग मायावती जैसी बदसूरत महिला को झेल सकते हैं, तो हमारी पार्टी में तो बहुत खूबसूरत और शानदार दिखने वाले लोग हैं. इस भद्दी टिप्पणी के बाद मंत्री बोले कि इस देश को तैमूर और चंगेज ने इतना नहीं लूटा, जितना मायावती ने प्रदेश को लूटा.
जब इस बयान पर विवाद बढ़ा, तो मंत्री ने टिप्पणी से पल्ला झाड़ लिया. लेकिन ये पहला मौका नहीं है, जब सपा नेताओं ने मायावती के खिलाफ इस तरह की भद्दी बयानबाजी की हो. इसी साल जनवरी में यूपी के कैबिनेट मंत्री और मुलायम के प्रिय मुस्लिम नेता आजम खान ने भी मायावती का अपमान किया था. मेरठ में एक यूनिवर्सिटी में बोलते हुए उन्होंने कहा था कि ‘कल को कौन क्या बनेगा, इसके बारे में कहा नहीं जा सकता. लेकिन अल्लाह से मेरी दुआ है कि आप कुछ भी बनें, मायावती न बनें.’ गौरतलब है कि मायावती ने अपनी उच्च शिक्षा इसी यूनिवर्सिटी से हासिल की थी. इसके बाद आजम बोले कि मायावती शाहजहां की तरह पत्थर जड़वाने में लगी थीं और जल्द ही कोई औरंगजेब उनको कैद करेगा.
ये तो थे सपा नेताओं के अमर्यादित बयानों की बानगी. एक बार बसपा के राज्यसभा सांसद जुगल किशोर ने भी ऐसी ही बदतमीजी की थी. उन्होंने प्रदेश सरकार पर इल्जाम लगाते हुए कहा था कि अखिलेश यादव सहारा सिटी में ऐश कर रहे हैं, अधिकारी रो रहे हैं और प्रदेश की जनता परेशान है. सांसद के इस बयान की निंदा ने सिर्फ विपक्षी दलों, बल्कि मायावती ने भी की थी. उन्होंने सांसद को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि बयानबाजी में शालीनता का ध्यान रखा जाना चाहिए.
दुराचारी कह डाला.
ये मामला है उत्तर प्रदेश के गाजीपुर इलाके का. यहां बुधवार रात को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की बैठक थी. इसकी सदारत कर रहे थे टूरिज्म मिनिस्टर ओमप्रकाश सिंह. छुटभैये नेताओं के भाषण के दौरान सामने बैठे कार्यकर्ता खड़े होकर शोरगुल कर रहे थे. इस पर मंत्री जी झल्ला गए और माइक पर आकर बोले कि अगर आप लोग मायावती जैसी बदसूरत महिला को झेल सकते हैं, तो हमारी पार्टी में तो बहुत खूबसूरत और शानदार दिखने वाले लोग हैं. इस भद्दी टिप्पणी के बाद मंत्री बोले कि इस देश को तैमूर और चंगेज ने इतना नहीं लूटा, जितना मायावती ने प्रदेश को लूटा.
जब इस बयान पर विवाद बढ़ा, तो मंत्री ने टिप्पणी से पल्ला झाड़ लिया. लेकिन ये पहला मौका नहीं है, जब सपा नेताओं ने मायावती के खिलाफ इस तरह की भद्दी बयानबाजी की हो. इसी साल जनवरी में यूपी के कैबिनेट मंत्री और मुलायम के प्रिय मुस्लिम नेता आजम खान ने भी मायावती का अपमान किया था. मेरठ में एक यूनिवर्सिटी में बोलते हुए उन्होंने कहा था कि ‘कल को कौन क्या बनेगा, इसके बारे में कहा नहीं जा सकता. लेकिन अल्लाह से मेरी दुआ है कि आप कुछ भी बनें, मायावती न बनें.’ गौरतलब है कि मायावती ने अपनी उच्च शिक्षा इसी यूनिवर्सिटी से हासिल की थी. इसके बाद आजम बोले कि मायावती शाहजहां की तरह पत्थर जड़वाने में लगी थीं और जल्द ही कोई औरंगजेब उनको कैद करेगा.
ये तो थे सपा नेताओं के अमर्यादित बयानों की बानगी. एक बार बसपा के राज्यसभा सांसद जुगल किशोर ने भी ऐसी ही बदतमीजी की थी. उन्होंने प्रदेश सरकार पर इल्जाम लगाते हुए कहा था कि अखिलेश यादव सहारा सिटी में ऐश कर रहे हैं, अधिकारी रो रहे हैं और प्रदेश की जनता परेशान है. सांसद के इस बयान की निंदा ने सिर्फ विपक्षी दलों, बल्कि मायावती ने भी की थी. उन्होंने सांसद को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि बयानबाजी में शालीनता का ध्यान रखा जाना चाहिए.