चेम्बर चुनाव से ठीक पहले अध्यक्ष के एक दावेदार ने लगाया आरोप, वर्तमान अध्यक्ष ने बताया निराधार
राजेश कानोडिया, नवगछिया (भागलपुर)। ईस्टर्न बिहार चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज भागलपुर का जहां आज सोमवार को मतदान होना है। वहीं चैंबर चुनाव के दौरान एक गुट के अध्यक्ष पद के दावेदार श्रवण बाजोरिया ने वर्तमान अध्यक्ष अशोक भिवानीवाला पर आजीवन सदस्यता के मसले में सच को छिपाने का आरोप लगाया है। उन्होंने रविवार की शाम कहा कि वर्तमान अध्यक्ष ने कहा था कि आजीवन सदस्यता शुल्क 250 रुपए लेने का निर्णय संविधान संशोधन समिति के संयोजक अजीत जैन की रिपोर्ट पर कार्यसमिति ने लिया है। जबकि सच यह है कि संविधान संशोधन समिति के संयोजक अजीत जैन की बात को दरकिनार कर वर्तमान अध्यक्ष ने सारे निर्णय गैर संवैधानिक तरीके से लिये हैं। मौके पर शरद सलालपुरिया, सुनील कुमार कोठरीवाल, अनिल खेतान, ओमप्रकाश कनोडिया, दीपक कुमार शर्मा, अजीत कुमार जैन, पुनीत चौधरी, पंकज टंडन, प्रदीप कुमार जैन, प्रमोद कुमार गोयनका, सुमित कुमार जैन, नितेश आदि मौजूद थे।
इधर चैंबर चुनाव में एक गुट के अध्यक्ष पद के दावेदार श्रवण बाजोरिया द्वारा वर्तमान अध्यक्ष अशोक भिवानीवाला पर लगाये गए आरोप को अशोक भिवानीवाला ने सरासर गलत और निराधार करार दिया है। उन्होंने बताया कि आजीवन सदस्यता के मसले में सच को छिपाने की कहीं से कोई बात है ही नहीं। सारी बात चेम्बर की आम सभा के तहत संवैधानिक तरीके से लिये गए निर्णय के तहत की गई है। जिसे सभी ने सहर्ष स्वीकार भी किया है। उन्होंने आम सभा में लिये गये निर्णय की हस्ताक्षरित प्रति भी दिखायी। उन्होंने बताया कि 1105 सदस्यों में से 853 सदस्य आजीवन सदस्य हैं। अगर उनके द्वारा चेम्बर को कोई वार्षिक विकास में सहयोग नहीं मिलेगा तो चेम्बर का विकास और आजीवन सदस्यों को मिलने वाली सुविधाओं को बरकरार रख पाना कैसे संभव होगा। इसे तो आजीवन सदस्यों की मर्यादा को बनाये रखने के लिए ही शुरू किया गया है। जिसे कुछेक को छोड़कर सभी सदस्यों ने सहर्ष स्वीकार करते हुए अपना अपना वार्षिक विकास शुल्क जमा भी किया है। अन्यथा सिर्फ 252 वार्षिक सदस्यों के भरोसे सभी को भविष्य में सारी सुविधाएं मिलना कैसे संभव हो पाएगी। इससे अलग अब तक किराए के भवन में चल रहे चेम्बर को 57 लाख की लागत से निर्मित अपना भवन इसी कार्यकाल में उपलब्ध हुआ है। जो इस चेम्बर की सर्वोपरि उपलब्धि है। इसके बावजूद मतदान से ठीक पहले इस तरह से भ्रामक तथ्य फैलाना चेम्बर के हित में नहीं है।