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पचास हजार का इनामी अपराधी नवगछिया से गिरफ्तार

पूर्णिया थाना से फरार विधायक पति अवधेश मंडल की नवगछिया से गिरफ़्तारी के बाद एक और बड़ी गिरफ़्तारी नवगछिया क्षेत्र से दूसरे जिले की पुलिस द्वारा की गयी। स्पष्ट है कि कितनी संवेदन हीन साबित हो रही है नवगछिया की पुलिस।
14वर्षों से फरार इनामी अपराधी नागो उर्फ नागेश्वर मंडल को पटना एसटीएफ की टीम ने गुरुवार को नवगछिया इलाके से गिरफ्तार किया है। पुलिस मुख्यालय की ओर से नागो पर 50 हजार इनाम घोषित है। पटना से आए एसटीएफ स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप-1 की टीम ने नवगछिया में छापेमारी कर दियारा के आतंक नागो मंडल को गिरफ्तार करने में सफलता पाई। इसमें भागलपुर पुलिस ने भी सहयोग किया। 

नागो मंडल इलाके का कुख्यात अपराधी है। एसटीएफ एसपी शिवदीप लांडे के निर्देश पर पटना से गुरुवार को एसटीएफ दारोगा अमरेंद्र किशोर के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम नवगछिया गई थी। गिरफ्तारी के बाद उसे भागलपुर के कोतवाली थाने में लाकर रखा गया। भागलपुर के कोतवाली थाने में कई थानों की पुलिस ने उससे पूछताछ की। 

भागलपुर के बुद्धूचक थाना अंतर्गत रानीदियारा गांव का रहनेवाला अपराधी नागो मंडल 12 से अधिक मामलों में नामजद है। भागलपुर और नवगछिया जिलाें की पुलिस उसके खिलाफ दर्ज मामलों की पड़ताल कर रही है। एसटीएफ, भागलपुर और नवगछिया की पुलिस नागो मंडल से उसके हथियारों के बारे में जानकारी जुटा रही है। भागलपुर पुलिस के सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार अपराधी दियारा का आतंक था और स्थानीय अंडरवर्ल्ड में दियारा का राजा भी कहा जाता था। 14 साल पहले उसने पहली हत्या की थी और तबसे अब तक फरार था। चार पुलिस थानों में उसके खिलाफ 12 से अधिक मामले दर्ज हैं। स्थायी फरारी नागो मंडल के मामलों से जुड़े कागजात खोजने में भी पुलिस को ख़ासी मशक्कत करनी पड़ी। 15 साल से लगातार फरार होने के कारण उसके खिलाफ दर्ज मामलों से जुड़े अभिलेख खंगाले गए। 

वर्चस्व के लिए बैकू मंडल की हत्या कर नागो बना था अपराधी

भागलपुरके रानी दियारा में वर्चस्व जमाने की होड़ में नागो मंडल ने 15 साल पहले अपने ही ग्रामीण बैकू मंडल की हत्या कर दी थी। बैकू मंडल की हत्या के पीछे आपराधिक वर्चस्व कायम करना था, लेकिन पूछताछ में उसने आपसी विवाद को बैकू की हत्या का कारण बताया है। बैकू मंडल की हत्या के एक साल बाद उसने अरविंद पासवान की हत्या कर दी। अरविंद पासवान भी रानी दियारा का ही रहनेवाला था। दो हत्याओं के बाद रानी दियारा में इसका आतंक फैल गया था और उसको चुनौती देनेवाला कोई नहीं बचा था। हत्या के अलावा रंगदारी, लूट की घटनाओं को अंजाम देना और दियारा की जमीन पर जबरन कब्जा कर खेती करने लगा। मछली मरवाने से भी उसको आय होने लगी।