राजेश कानोडिया, नवगछिया।
नवगछिया पुलिस जिला में बाइक चालकों को मिल रही खुली छूट का ही नतीजा सामने आ रहा है लगातार बढ़ रहा अपराध और लूट । चाहे 8 अगस्त को जगतपुर के पास पेट्रोल पम्प कर्मी से साढ़े बारह लाख की लूट का मामला हो या फिर 6 अगस्त को नारायणपुर में पंचायत सेवक से दो लाख सड़सठ हजार की लूट का मामला हो। इन दोनों ताजा घटनाक्रम को बाइक सवार अपराधियों ने ही तो अंजाम दिया है। जबकि पहले भी बाइक सवारों ने ही लूट और कई बड़ी वारदात को नवगछिया पुलिस जिला में अंजाम दिया है।
अगर खुली आँखों से देखा जाय तो स्पष्ट हो जाएगा कि नवगछिया पुलिस जिला में बाइक चालकों को हर तरह की कितनी खुली छूट मिली हुई है। जहां कभी कभार कागजात की जांच कर महज खाना पूरी कर कुछ समय के लिए इतिश्री कर ली जाती है। जिनमें से किसी किसी से जुर्माना वसूल कर विभाग को रिपोर्ट भेज दी जाती है।
पूरे नवगछिया पुलिस जिले में बाइक चालको को मिली कई तरह की खुली छूट का नजारा कहीं भी कभी भी नजर आ सकता है। जहां ट्रिपल लोडिंग की कौन कहे चार से पाँच लोडिंग भी नजर आना कोई बड़ी बात नहीं है। वहीं नन्हें बच्चों के साथ पूरा परिवार रहता है बाइक पर सवार। कम उम्र के फर्राटा भरने वाले चालकों को तो कोई टोकने वाला भी नजर नहीं आता है। यहाँ हेल्मेट रहते हुए भी इसे लगाकर बाइक चलाना शर्म की बात मानी जाती है।
रही नम्बर प्लेट की बात। तो इसकी भी कहानी यहाँ काफी अजब गज़ब है। नम्बर प्लेट पर पुलिस या प्रेस लिखाना यहां तो फैशन हो गया है। इतना ही नहीं नवगछिया पुलिस जिला में बिना नम्बर के भी सैकड़ों बाइक दौड़ रही है। एक दो बाइक तो ऐसी भी देखी गयी है जिसके आगे प्रेस और पीछे पुलिस लिखा है। यह अलग बात है कि पुलिस लिखी बाइक को अक्सर पुलिस कर्मी के परिजन या सामान्य लोग चलाते नजर आते हैं। नवगछिया कोर्ट के वरीय अधिवक्ता विभाष प्रसाद सिंह कहते हैं कि नम्बर प्लेट पर नम्बर के अलावा कुछ भी लिखाना कानूनन जुर्म है।
अब वापस चलते हैं 8 अगस्त की लूट की घटनाक्रम पर। जिसे अंजाम देने में लगी बाइक के नम्बर का पता लगाने में नवगछिया पुलिस भी परेशान हो गयी। जिसे हैरानी तो तब हुई जब पता चला कि बीआर 10 ई 0004 नम्बर की कोई बाइक है ही नहीं। नवगछिया पुलिस जिला में इस तरह के अलावा भी कई तरह के चकमा देने वाले नम्बर प्लेट कई बाइकों पर आसानी से मिल सकते हैं। जिनमें से किसी पर किसी स्टाइल से तो किसी पर अलग स्टाइल से नम्बर लिखाया अथवा लगाया जाता है। जिसे एक नजर में आसानी से पढ़ा भी नहीं जा सकता है। प्रभारी अपर लोक अभियोजक परमानन्द साह बटते हैं कि इस तरह के नम्बर प्लेट लगाना भी वाहन अधिनियम के तहत गलत है। सरकार द्वारा जारी नयी नम्बर प्रणाली भी पूरी तरह से ध्वस्त दिख रही है।