इधर भाकपा-माले के कार्यकर्ताओं ने वार्ता नहीं होने की स्थिति में कार्यालय पर ही धरना दे दिया व सीओ को दो घंटे तक बंधक बनाए रखा। प्रखंड कार्यालय में भी तोड़फोड़ की गई। मधुसूदनपुर थाना के एक एएसआई ने प्रदर्शनकारियों को शांत कराने का प्रयास किया लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन पर भी लाठी चला दी। घटना के आधे घ्ांटे के बाद सैप जवान पहुंचे। मधुसूदनपुर थानाध्यक्ष राकेश कुमार ने प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझा कर वार्ता के लिए राजी किया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए दो घंटे बाद जिला प्रशासन की ओर एसडीओ सुनील कुमार, डीसीएलआर सुबीर रंजन, सिटी डीएसपी वीणा कुमारी व पांच थाने की पुलिस वज्र वाहन के साथ पहुंची। शांति समिति के देवाशीष बनर्जी व भवेश यादव ने भी पुलिस को सहयोग किया। पुलिस सुरक्षा में सीओ को बाहर निकाला गया। अधिकारियों ने भाकपा-माले के दो लोगों के साथ वार्ता की। काफी मशक्कत के बाद भाकपा माले के पांच लोगों को छूटे हुए लोगों की सूची बनाने को कहा गया। घटना के बाद सीओ ने कहा कि जो हुआ, गलत हुआ।
इससे पूर्व बाढ़ राहत वितरण में धांधली व अनियमितता खिलाफ भाकपा-माले के नेतृत्व में वार्ड नौ व 10 के सैकड़ों बाढ़ पीड़ितों ने साहेबगंज से जुलूस निकाला। प्रखंड मुख्यालय पहुंचकर कार्यकर्ताओं ने आंदोलन शुरू कर दिया। नगर सचिव मुकेश मुक्त ने मौके पर कहा कि वास्तव में जो लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, उन्हें राहत नहीं दी जा रही है। बिचौलियों की मिली-भगत से राहत वितरण में जारी लूट-खसोट को पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि वार्ता विफल होने पर कार्यालय में तालाबंदी की गई। दो दिनों के अंदर राहत वितरण के आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ। प्रदर्शन का नेतृत्व नगर सचिव मुकेश मुक्त, गौरीशंकर, रामदेव यादव, बीरबल यादव आदि कर रहे थे। 1सीओ के बयान पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मधुसूदनपुर थाने में सरकारी कार्य में बाधा डालने व मारपीट के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है।