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बम विस्फोटों से बच्चे हो रहे बेदम

भागलपुर जिले में रह रह कर हो रहे बम विस्फोटों की घटना के शिकार नन्हें और मासूम बच्चे लगातार हो रहे हैं | जिसकी वजह से अब उनके स्वतंत्र रूप से खेलने की आजादी पर पूरी तरह से खतरा पैदा हो गया है | मासूम बच्चों के बीच लगातार हो रहे बम विस्फोट की घटना ने धीरे धीरे बच्चों के खेल पर पाबंदी लगाना शुरू कर दिया है |

गंगा के उसपार के बाद  अब इस पार नवगछिया के अपराधी  भी बम को हथियार बनाने लगे हैं। भागलपुर के अपराधी तो  पहले से ही गोली के साथ- साथ बम का भी उपयोग करते हैं। नवगछिया के तेतरी गांव में बम विस्फोट की शनिवार को घटी घटना नवगछिया पुलिस जिला की पहली वारदात है। इसके पहले भी भागलपुर, कहलगांव में बम विस्फोट की वारदात हो चुकी है। जहां बम ने नन्हें- मुन्नों का ही खून बहाया है। खेल- खेल में बच्चे बगान में पड़े बम को खिलौना समझ खेलने लगते हैं और जब धमाका होता है तो बेगुनाह बच्चों का खून बहता है। बम से खेलने की भूल में बच्चों की जिंदगी दांव पर लग रही है।
नवगछिया से पहले भागलपुर बम विस्फोट की वारदात एक नजर में
14 फरवरी 2013- बरारी के संतनगर मोहल्ले के हनुमान घाट में विस्फोट से दो बच्चे जख्मी
16 जनवरी 2013- कहलगांव के नंदलालपुर में गांव के समीप आम बगान में बम फटने से अंकित व गुलशन की मौत हो गई थी। राधे रजक, भोजल साह, अमर कुमार गंभीर रुप से जख्मी हो गए थे।
24 जून - 2012 - हबीबपुर क्षेत्र के दाउदचक तिवारी तालाब चौक के पास गेंद समझ बम उठाने की गलती कर छात्र मो. एहसान हुआ था जख्मी
26 मई - 2012 - आदमपुर क्षेत्र के लाजपत पार्क में खेलने के दौरान तीन बच्चे बुरी तरह हुए थे घायल
29 फरवरी -2012- जीरो माइल क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बाबूपुर में बोतल बम फटने से चार बच्चे घायल
28 जनवरी 2012 - कुलपति आवास के पास बम फटने से तीन छात्र जख्मी