बिहार अपनी सांस्कृतिक विरासत व पर्यटकीय स्थलों की संपदा के बूते तेजी
से विकास को तत्पर है। सिखों के गुरु गोविन्द सिंह जी जन्मस्थली बिहार है।
23 वें जैन तीर्थकर बिहार से संबंधित हैं। गौतम बुद्ध की ज्ञानस्थली बिहार
है। दुनिया के किसी कोने में बसा बौद्ध धर्मावलंबी बोधगया पहुंचकर ही अपना
जीवन धन्य मानता है। इसी तरह हिन्दू
अपने पूर्वजों का तर्पण करने गया धाम आते हैं। ऐसे में बिहार सभी धर्मो से जुड़े पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। उक्त बातें शनिवार को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहीं। वे स्थानीय पाटलिपुत्र होटल में इंडियन चैम्बर आफ कामर्स के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम बुद्धिस्ट ट्रेवेल कनक्लेव : हेरिटेज एंड टूरिज्म का उद्घाटन कर रहे थे।
श्री मोदी ने कहा कि बुद्धिस्ट सर्किट का विकास सरकार के एजेंडे में शामिल है। बोधगया, नालंदा, राजगीर, वैशाली, केसरिया आदि स्थलों के चरणबद्ध विकास की योजना है। राज्य सरकार पर्यटकीय सुविधाओं के विकास के क्रम में आधारभूत संरचना विकास पर जोर दे रही है। पटना- गया सड़क के फोरलेनिंग का काम अगले 3 वर्षो में पूरा होगा। राज्य में टूरिस्ट गाइडों का चयन हो चुका है। उन्होंने पर्यटन निदेशक से इन गाइडों को बौद्ध देशों की स्थानीय भाषा में शिष्टाचार संबोधन आदि का प्रशिक्षण दिलाने को कहा।
कार्यक्रम में जापान के मित्सू कावागुची, थाईलैंड के पी.विचितसोरास्त्रा , चीन के जांग लिजांग, भूटान के दासो टी.वांग्डा व म्यामार के केएस टिंट ने भी अपने विचार रखे। सभा को करण सिंह आनंद, पर्यटक विभाग के निदेशक डीके श्रीवास्तव, इंडियन चैम्बर आफ कामर्स के महानिदेशक डा.राजीव सिंह ने भी संबोधित किया।
अपने पूर्वजों का तर्पण करने गया धाम आते हैं। ऐसे में बिहार सभी धर्मो से जुड़े पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। उक्त बातें शनिवार को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहीं। वे स्थानीय पाटलिपुत्र होटल में इंडियन चैम्बर आफ कामर्स के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम बुद्धिस्ट ट्रेवेल कनक्लेव : हेरिटेज एंड टूरिज्म का उद्घाटन कर रहे थे।
श्री मोदी ने कहा कि बुद्धिस्ट सर्किट का विकास सरकार के एजेंडे में शामिल है। बोधगया, नालंदा, राजगीर, वैशाली, केसरिया आदि स्थलों के चरणबद्ध विकास की योजना है। राज्य सरकार पर्यटकीय सुविधाओं के विकास के क्रम में आधारभूत संरचना विकास पर जोर दे रही है। पटना- गया सड़क के फोरलेनिंग का काम अगले 3 वर्षो में पूरा होगा। राज्य में टूरिस्ट गाइडों का चयन हो चुका है। उन्होंने पर्यटन निदेशक से इन गाइडों को बौद्ध देशों की स्थानीय भाषा में शिष्टाचार संबोधन आदि का प्रशिक्षण दिलाने को कहा।
कार्यक्रम में जापान के मित्सू कावागुची, थाईलैंड के पी.विचितसोरास्त्रा , चीन के जांग लिजांग, भूटान के दासो टी.वांग्डा व म्यामार के केएस टिंट ने भी अपने विचार रखे। सभा को करण सिंह आनंद, पर्यटक विभाग के निदेशक डीके श्रीवास्तव, इंडियन चैम्बर आफ कामर्स के महानिदेशक डा.राजीव सिंह ने भी संबोधित किया।