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संशोधनों के साथ कैबिनेट ने दी लोकपाल बिल को मंजूरी

लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक में सरकारी संशोधन पेश करने के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 31 जनवरी को अपनी मुहर लगा दी.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया. बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी नारायणसामी और
सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि विधेयक पर राज्यसभा की प्रवर समिति की 16 सिफारिशों में से 14 को मंजूर किया गया है जबकि दो सिफारिशों पर सहमति नहीं बन सकी.
नारायणसामी ने बताया कि विधेयक को लोकसभा ने 27 दिसंबर 2011 को पारित किया था. इसे राज्यसभा में विचार और पारण के लिए 29 दिसंबर 2011 को रखा गया. चर्चा अधूरी रही और बाद में राज्यसभा ने तय किया कि विधेयक को प्रवर समिति के विचारार्थ भेजा जाए. प्रवर समिति ने अपनी रपट राज्यसभा के सभापति को 23 नवंबर 2012 को सौंप दी. प्रवर समिति ने सिफारिश की थी कि लोकपाल कानून पारित होने के 365 दिन के भीतर राज्यों की विधानसभाएं लोकायुक्त के गठन को लेकर कानून बनाएंगी. सरकार ने समिति की इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया है.
समिति ने सिफारिश की थी कि चयन समिति के पांचवे सदस्य (जो प्रख्यात विधिवेत्ता होगा) का मनोनयन राष्ट्रपति कर सकते हैं. यह मनोनयन चयन समिति के चार अन्य सदस्यों प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के प्रधान न्यायाधीश की सिफारिश पर होगा. नारायणसामी ने कहा कि इस सिफारिश को भी मान लिया गया है.