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कांग्रेस पार्टी के उपाध्‍यक्ष बने राहुल गांधी

राहुल गांधी के कंधे पर आखिरकार बड़ी जिम्‍मेदारी डाल ही दी गई. राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्‍यक्ष बना दिया गया है. कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में यह फैसला लिया गया.
राहुल गांधी को उपाध्‍यक्ष बनाए जाने की घोषणा से पहले ही जयपुर में जश्न की तैयारियां शुरु हो चुकी थीं. रथ सजाए गए, ढोल नगाड़ों का इंतजाम किया गया.

पिछले दो दिनों में बुजुर्ग से लेकर युवा नेताओं की फौज ने खुलकर राहुल राग अलापा. सबने एक सुर में कहा- राहुल को लाओख्‍ 2014 में पीएम बनाओ.
नेहरू-गांधी परिवार के वारिस राहुल गांधी जब से सियासी मैदान में उतरे हैं, तभी से उन्हें कांग्रेस का भविष्य माना गया. 2009 की चुनावी जीत ने राहुल गांधी के कद को बढ़ा दिया.
इसके बाद बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब और गुजरात जैसे अहम राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए, लेकिन राहुल का जादू फीका नजर आया. उत्तर प्रदेश चुनावों में राहुल काफी आक्रामक नज़र आए लेकिन नतीजा आया तो साबित हो गया कि सिर्फ तेवर से वोट नहीं मिलते.
दरअसल, कांग्रेस को लग रहा है कि राहुल की अगुवाई में युवाओं की बड़ी तादाद कांग्रेस से जुड़ेगी लेकिन कांग्रेस के यूथ राग पर में बीजेपी कोई कुछ दूसरा एजेंड़ा नजर आ रहा है.
दरअसल, राहुल कांग्रेस के लिए अब तक इक्के की तरह थी जिसे पार्टी ने हर जरुरी मौके पर निकाला और अब कांग्रेस का वही इक्का तुरुप बन गया लेकिन सवाल ये कि क्या राहुल दांव विपक्ष को चुनावी मैदान में चित कर पाएगा.
एंटनी ने नाम प्रस्‍तावित कियाजयपुर में पार्टी के दो दिवसीय चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक शुरू होते ही वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने कहा कि कार्यवाही शुरू होने से पहले वह एक प्रस्ताव रखना चाहते हैं. कार्यसमिति की बैठक के बाद पार्टी के मीडिया प्रभारी और महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने संवाददाताओं को बताया कि एंटनी ने प्रस्ताव रखा कि जनता की आकांक्षाओं को देखते हुए राहुल को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया जाए.
सोनिया गांधी ने भरी हामीद्विवेदी के अनुसार पूरी कार्यसमिति ने मेजें थपथपाकर इस प्रस्ताव का स्वागत किया. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी प्रस्ताव पर हामी भरी और राहुल गांधी ने भी इसे स्वीकार कर लिया. उन्होंने कहा कि इस फैसले से पार्टी और मजबूत होगी. एंटनी के प्रस्ताव में कहा गया था कि बहुत लंबे अरसे से कांग्रेस के सदस्य हैं और देश की जनता को राहुल गांधी से बहुत अपेक्षाएं हैं. वे उन्हें एक बड़ी भूमिका में देखना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि 2014 में होने वाला लोकसभा चुनाव किस के नेतृत्व में लडा जायेगा, यह बाद में तय किया जायेगा.
कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्‍न43 वर्षीय राहुल को 2007 में पार्टी का महासचिव बनाया गया था. राहुल को उपाध्यक्ष बनाये जाने की औपचारिक घोषणा होने से एक घंटे पहले ही बिड़ला ऑडिटोरियम के बाहर कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगने लगा था. कार्यकर्ता रथ लेकर सभागार के बाहर पहुंच गये और राहुल गांधी के समर्थन में नारेबाजी करने लगे. ‘देश का नेता कैसा हो, राहुल गांधी जैसा हो’ जैसे नारे लगाये जा रहे थे. राहुल को उपाध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा होने के बाद कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में एकत्रित हो गये तथा आतिशबाजी भी शुरू कर दी.
चिंतन शिविर में हुआ विचार-मंथनइससे पहले शनिवार को कांग्रेस नेताओं ने संकेत दिया था कि चिंतन शिविर में राहुल गांधी को बड़ी जिम्मेदारी दिये जाने की औपचारिक घोषणा हो सकती है. पार्टी के युवा नेता और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना था कि राहुल पहले ही बड़े-बड़े कदम उठा रहे हैं और कई बड़े फैसले करते आ रहे हैं. चिन्तन शिविर में भी लगभग 60 प्रतिशत युवाओं की भागीदारी उन्हीं की पहल का नतीजा है.
राहुल पहले से ही 'नंबर 2'जब कहा गया कि राहुल अनौपचारिक रूप से पार्टी में नंबर दो हैं और अधिकतर बडे फैसलों में वह शामिल होते हैं, लेकिन औपचारिक रूप से उनके द्वारा पार्टी की अगुवाई करने की घोषणा कब होगी, तो सिंधिया का जवाब था, ‘कल तक इंतजार कीजिए.’ एक अन्य वरिष्ठ नेता और संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि यह लगभग निश्चित है कि 2014 के लोकसभा चुनाव की अगुवाई राहुल ही करेंगे. इस सवाल पर कि क्या उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है, शुक्ला ने कहा कि ये सब बातें बाद में देखने की हैं और पार्टी अध्यक्ष इस बारे में फैसला करेंगी, लेकिन यह तय है कि वह आने वाले दिनों में बड़ी जिम्मेदारी निभाने जा रहे हैं.
कार्यकर्ताओं की भावना का सम्‍मानएक अन्य युवा नेता एवं केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि हम सबकी भावना है कि राहुल को पूरी जिम्मेदारी सौंपी जाए और हमें पूरी उम्मीद है कि कांग्रेस की इस तीन दिवसीय बैठक में ऐसा कोई औपचारिक फैसला किया जाएगा.