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मकर संक्रांति पर इलाहाबाद में महाकुंभ सोमवार से

महाकुंभ 2013 का आगाज कल, पहले शाही स्नान पर संगम में डुबकी लगाएंगे लाखों श्रद्धालु उत्तर प्रदेश में तीर्थराज के नाम से मशहूर प्रयाग (इलाहाबाद) शहर में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम तट पर सोमवार यानी मकर संक्रांति से महाकुंभ मेला शुरू हो जाएगा। इसी दिन पहला शाही स्नान भी है, जिसकी सारी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं।
सोमवार सुबह 5.57 बजे से स्नान शुरू होगा। जहां
भारी संख्या में आम लोगों के अलावा साधु संत और नागा मेले में पहुंच चुके हैं।
उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खान ने शनिवार देर शाम महाकुंभ मेला क्षेत्र का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने तैयारियों पर संतोष जताते हुए कहा कि जो छोटी-मोटी तैयारियां बची हैं उन्हें स्नान शुरू होने से पहले पूरा कर लिया जाए।
सबसे बड़े धार्मिक मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के महाकुंभ में पहुंचने की उम्मीद है। श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं।
महाकुंभ मेले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरकेएस राठौर ने संवाददाताओं को बताया कि करीब 30 कंपनी केंद्रीय बलों के साथ 50 कंपनी प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और बीस हजार से ज्यादा नागरिक पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है।
मेला अधिकारी मणिप्रसाद मिश्रा ने बताया कि 55 दिन चलने वाले इस महाकुंभ मेले में छह शाही स्नान होंगे। पहला 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन, दूसरा 27 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर, तीसरा 10 फरवरी को मौनी अमावस्या पर, चौथा 15 फरवरी को वसंत पंचमी पर, पांचवां 25 फरवरी माघी पूर्णिमा पर और छठा 10 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन होंगे।
उल्लेखनीय है कि संगम तट पर लगने वाला महाकुंभ मेला 10 मार्च तक चलेगा। इलाहाबाद में महाकुंभ इससे पहले वर्ष 2000 में लगा था।
देश के चार नगरों- इलाहाबाद, नासिक, उज्जैन और हरिद्वार में बारी-बारी से हर 12 साल बाद महाकुंभ लगता है। पौराणिक आख्यानों के अनुसार, समुद्रमंथन के दौरान निकले अमृतकलश से अमृत छिलकने के कारण इन जगहों पर कुंभ मेला लगता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार यहां डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।