ताजा समाचार :

6/Posts/ticker posts

बिहार में डीआईजी ने मांगे 10 करोड़ रुपए घूस

बिहार के एक डीआईजी पर दस करोड़ की रिश्वत मांगने  के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों गिरफ्तारों के पास से पांच लाख रुपये भी बरामद किये गये हैं। पुलिस मान रही है कि शिकायत में दम है। मामले की जांच आर्थिक अपराध यूनिट कर रही है। इस मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है।

ये डीआईजी है आलोक कुमार। सारण डिविजन में तैनात हैं। उनके बारे में पहुंची शिकायतों के बारे में खुद आईजी अनुपमा निलेकर ने खुलासा किया। उन्होंने कहा कि आलोक कुमार पर लगे आरोपों की जांच की जा रही है। इस सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी आलोक कुमार की भूमिका सामने आएगी। फिलहाल वह जांच के दायरे में हैं।
यह मामला शराब का कारोबार करने वाली दून वैली डिस्टिलरी से जुड़ा हुआ है। इस फर्म के मैनेजन दुन्ना जी पांडेय ने डीजीपी अभयानंद से शिकायत की थी कि सारण के डीआईजी उनसे दस करोड़ की रिश्वत मांग कर रहे हैं। आरोप के मुताबिक डीआईजी के लिए काम करने वाले उमेश कुमार ने टुन्ना जी पांडेय को डीआईजी से मिलने के लिए टाइम फिक्स कराया। नियम समय और तारीख पर उमेश टुन्ना लेकर डीआईजी के पास पहुंचा। यह मुलाकात 10 जनवरी को करायी गयी थी। शिकायतों के अनुसार उस दिन डीआईजी ने दस करोड़ की रिश्वत मांगी। इस शराब फर्म का काम सारण डिविजन के सारण, गोपालगंज और सीवान जिलों में है।
डीजीपी के पास शिकायत पहुंची तो उन्होंने मामले की जांच आर्थिक अपराध यूनिट को दे दी। यूनिट ने इस सिलसिले में छापेमारी की और दीपक कुमार अभिषेक और अजय दुबे को छपरा से उनके ठिकानों से पांच लाख रुपयों के साथ गिरफ्तार कर लिया। दोनों पटना में रहते हैं। अजय दुबे यूपी के देवरिया का रहने वाला है। पुलिस का मानना है कि उमेश के अलावा दीपक कुमार अभिषेक और अजय दुबे भी डीआईजी के लिए बिचौलियों की भूमिका निभा रहे थे।
इधर, डीआईजी से उनका पक्ष लेने के लिए जब फोन किया गया तो उनका मोबाइल बंद मिला।