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बार बार बच्चों का विद्यालय बन्द तो कैसे पुरी होगी पढ़ाई

विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला को लेकर सुल्तानगंज स्थित कांवरिया पथ के सभी विद्यालय बार बार बंद कर दिए जाते हैं। कभी बाढ़, कभी चुनाव, कभी गर्मी तो कभी बारिश के कारण पढ़ाई ठप हो जाती है। ऐसे में कैसे पुरी होगी बच्चों की पढ़ाई। अभिभावकों के लिए यह एक बड़ी चिंता का विषय बनता जा रहा है।


जानकारी के अनुसार पूर्व के सालों में इन विद्यालयों में गर्मी की छुट्टी न देकर श्रावण माह में एक महीने के लिए अवकाश दिया जाता था। 2010 से श्रावणी माह के साथ-साथ गर्मी की छुट्टी भी दी जाने लगी है। 22 दिन गर्मी छुट्टी व 30 दिन श्रावणी मेले की छुट्टी को मिलाकर कुल 52 दिनों का अवकाश हो जाता है। उच्च विद्यालय के संबंध में डीपीओ क्रियान्वयन देवेंद्र कुमार झा ने मेले के बाद विशेष कक्षा लेकर कोर्स पूरा करने का निर्देश सभी प्रधानाध्यापकों को दिया है।


वहीं डीपीओ सर्वशिक्षा सुभाष कुमार गुप्ता ने कहा है कि प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में पढ़ाई सुचारू ढंग से जारी रहे इसके लिए उच्चाधिकारियों से बात कर बीच का रास्ता निकाला जाएगा। श्रावणी मेले के दौरान विद्यालय भवनों को प्रशासनिक काम के लिए उपयोग में लाया जाता है। अधिकारियों के मुताबिक यह सिलसिला बहुत दिनों से चले आ रहा है। विद्यालयों में इस दौरान पुलिस, कांवरिये, स्वयंसेवक रहते हैं। शिक्षकों को मेला की ड्यूटी में लगाया जाता है। साथ ही वह लॉ एंड ऑर्डर भी देखते हैं। अभिभावकों का इस संबंध में कहना है कि विद्यालय बाढ़, चुनाव आदि विभिन्न कारणों से बंद होते रहते हैं। ऐसे में बच्चों का अधिकांश समय घर में ही बीत जाता है। पढ़ाई के प्रति उनका मन भी उचट जाता है। विद्यालयों को इन कार्यक्रमों से दूर ही रखना छात्रों के हित में है।