पोल्ट्री उद्योग की मांग बढऩे पर मक्का में और तेजी की संभावना
बिहार से मक्का की आवक बढऩे से कीमतों में नरमी का रुख बना हुआ है। दिल्ली बाजार में शनिवार को इसके दाम घटकर 1,140-1,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। स्टार्च मिलों के साथ निर्यातकों की मांग तो बनी हुई है लेकिन गर्मी के कारण पोल्ट्री निर्माताओं की मांग कमजोर है।
जून-जुलाई में बिहार से मक्का की आवक कम हो जाएगी तथा पोल्ट्री निर्माताओं की मांग बढ़ जाएगी जिससे मौजूदा कीमतों में 150-200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने की संभावना है।
यूएस ग्रेन काउंसिल में भारतीय प्रतिनिधि अमित सचदेव ने बताया कि चालू फसल सीजन में अक्टूबर से अभी तक करीब 17 लाख टन मक्का का निर्यात हो चुका है जबकि पिछले साल की समान अवधि के 15 लाख टन से ज्यादा है। पिछले सीजन में कुल 27 लाख टन का निर्यात हुआ था जबकि चालू सीजन में विश्व बाजार में भारतीय मक्का अन्य देशों के मुकाबले सस्ती है। इसीलिए निर्यात में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
बिहार की नवगछिया मंडी के थोक मक्का कारोबारी पवन सर्राफ ने बताया कि स्टार्च मिलों की मांग तो निकल रही है लेकिन पोल्ट्री निर्माताओं की मांग कमजोर है। इसीलिए बिहार की मंडियों में मक्का के दाम 925 से 950 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। बिहार से दिल्ली पहुंच के सौदे 1,140-1,150 रुपये और पंजाब में राजपुरा पहुंच के सौदे रेलवे से 1,120-1,130 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं।
जून-जुलाई में मक्का की आवक कम हो जाएगी जिससे कीमतों में तेजी आने की संभावना है। मनसाराम योगेश कुमार के पार्टनर पूनमचंद गुप्ता ने बताया कि आंध्र प्रदेश में मक्का के दाम 1,100 रुपये प्रति क्विंटल है।
निर्यातक कांडला बंदरगाह पर मक्का के डिलीवरी सौदे 1,230-1,240 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कर रहे है। रबी फसल की आवक जून-जुलाई में कम हो जाएगी जबकि खरीफ की नई फसल आने में चार से पांच महीने का समय शेष है। उधर वियतनाम की खरीद 330-340 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) के आधार पर हो रही है। वैसे भी विश्व में भारतीय मक्का का दाम कम है।
इसीलिए आगामी महीनों में निर्यात में बढ़ोतरी होने की संभावना है। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार रबी में मक्का का उत्पादन 50 लाख टन होने का अनुमान है जो पिछले साल के 50.9 लाख टन से कम है। खरीफ और रबी को मुकाबले वर्ष 2011-12 में मक्का का उत्पादन 213.3 लाख टन होने का अनुमान है। जबकि वर्ष 2010-11 में उत्पादन 217.3 लाख टन का हुआ था।