क्रोध पर नियंत्रण रखो, मन को वश में करो: स्वामी आगमानंद
भागलपुर। जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद महाराज के संयोजन में भगवान श्री कृष्ण की छठी के उपलक्ष्य पर लालकोठी में एक धार्मिक समारोह का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता पंडित ज्योतिन्द्राचार्य जी महाराज ने की। मुख्य अतिथि के रूप में कुंदन बाबा व विशिष्ट अतिथि गीतकार राजकुमार व कवि मुरारी मिश्रा थे। संचालन दिलीप शास्त्री ने किया। गीतकार राजकुमार ने कहा- भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण देश, काल और पात्र के अनुसार धर्म की स्थापना और जीव के उद्धार के लिए हुआ था। ज्योतिन्द्राचार्य जी महाराज ने स्वामी आगमानंद के कई दिव्य अनुभूति की चर्चा की।
कार्यक्रम के दौरान इंटरनेट मीडिया के माध्यम से स्वामी आगमानंद महाराज बेंगलुरु से आनलाइन जुड़े। उन्होंने भजन सुनाया- श्री राधे गोपाल, भजुमन-जय राधे। स्वामी आगमानंद ने श्रीमद्भगवद्गीता की चर्चा करे हुए कहा- "कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। कर्म पर ही तेरा अधिकार है, फल पर कभी नहीं। यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत, जब-जब धर्म की हानि होती है। क्रोध पर नियंत्रण रखो। मन को वश में करो।
इस अवसर पर इंदू चौधरी, आलोक कुंदन, मधुव्रत चौधरी, डा. विवेक कुमार, शीतल, स्वीटी कुमारी, कुणाल शेखर, बिल्टज दुबे आदि वहां मौजूद थे। इसके बाद पंडित ज्योतिन्द्राचार्य जी महाराज के आवास पर छठी का भोज हुआ।