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लालू की बेटी-दामाद पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, ED के पास पुख्ता सबूत!

मौसमी सिंह/अतिर खान / साद बिन उमर, नई दिल्ली। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू यादव से जुड़े 12 ठिकानों पर सीबीआई के छापेमारी के एक दिन बाद शनिवार को
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 8,000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस के सिलसिले उनकी बेटी मीसा भारती और दामाद शैलेश कुमार से जुड़ी तीन संपत्तियों पर छापे मारे. इसके साथ ही ईडी अधिकारियों ने मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार से करीब 6 घंटे तक पूछताछ की. सूत्रों की मानें तो ईडी के पास मीसा और शैलेश कुमार को गिरफ्तार करने के लिए पुख्ता सबूत हैं.
ईडी अधिकारियों ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बिजवासन स्थित मिशैल पैकर्स ऐंड प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड के परिसर और इसके निदेशकों शैलेश कुमार और मीसा भारती के सैनिक फॉर्म और घिटोरनी स्थित फॉर्म हाउस पर छापेमारी की गई. इस दौरान तलाशी में मिले मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और कई दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं. ईडी के मुताबिक, मीसा और शैलेश से इतनी लंबी पूछताछ इन्हीं दस्तावेजों और इस कंपनी से उनके संबंधों को लेकर की गई.  
बताया जा रहा है कि इस जांच का संबंध दो भाइयों वीरेंद्र जैन और सुरेंद्र जैन से जुड़ा है. इससे पहले गंभीर धोखाधड़ी से जुड़े मामले को जांच करने वाली संस्था एसएफआईओ ने जैन बंधुओं और अन्य आरोपियों के खिलाफ दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में आपराधिक शिकायत दर्ज की थी. इसी के बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून, 2002 (PMLA) के तहत मामले की जांच शुरू की थी.
जैन बंधुओं पर आरोप है कि वे मुखौटा (शेल) कंपनियों के जरिये करोड़ों रुपये के काले धन को सफेद किया. इस मामले में जैन बंधुओं के चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश अग्रवाल को भी प्रवर्तन निदेशालय ने करीब दो महीने पहले गिरफ्तार किया था.
बता दें कि राजेश अग्रवाल मीसा भारती के भी चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं. अग्रवाल ने मिशैल प्रिंटर्स और पैकर्स लिमिटेड के खातों में हरफेर कर अकॉमडेशन के नाम पर 60 लाख की फर्जी इंट्री की. वहीं मीसा भारती पर आरोप है कि उन्होंने इस कंपनी के शेयर खरीद-ब्रिकी के जरिये कालाधन सफेद किया.
बताया जा रहा है कि उनकी ये कंपनी 2002 में महज 1 लाख रुपये के निवेश के साथ रजिस्टर्ड की गई थी. तब इसका पता 25 तुगलक रोड स्थित आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के आधिकारिक आवास का दिया गया था. इसके बाद वर्ष 2005-06 में यह कंपनी बंद कर दी गई, फिर साल 2007-08 में कंपनी के 10 रुपये प्रति शेयर मूल्य वाले 1 लाख 20 हजार शेयरों को जैन बंधुओं की चार शेल कंपनियों ने 100 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से खरीद लिए.
ईडी के मुताबिक, जैन ने इसके लिए शालिनी होल्डिंग्स लिमिटेड, एड-फिन कैपिटल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मणि माला दिल्ली प्रॉपर्टीज़ प्राइवेट लिमिटेड और डायमंड विनिमय प्राइवेट लिमिटेड के नाम से चार मुखौटा कंपनी खड़ा किया. फिर इसके करीब 11 महीने बाद में मीसा भारती ने इन सभी शेयरों को पास 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से खरीदा लिया और इस तरह उन्हें करोड़ों का फायदा पहुंचा.'
प्रवर्तन निदेशालय के घेरे में मीसा भारती का बिजवासन वाला आलीशान फार्म हाउस भी है. मीसा पर आरोप है कि उन्होंने इस फॉर्म हाउस को लगभग 1. 42 करोड़ में खरीदा था, जबकि 2008-9 में इसका दाम 50 करोड़ से भी ऊपर था.