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मोटरसाइकिल से युवक को घसीटने मामले में 10 साल बाद हाइकोर्ट के आदेश पर बहाल होंगे पुलिसकर्मी


भागलपुर/पटना। भागलपुर जिला अन्तर्गत नाथनगर थाना क्षेत्र के चंपानगर के मो. औरंगजेब को अगस्त, 2007 में बाइक से बाधकर घसीटने मामले में बर्खास्त एएसआइ लाल बहादुर सिंह और सिपाही राम चन्द्र राय को हाईकोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने एसएसपी मनोज कुमार को इन दोनों को अब तक के सभी लाभों के साथ बहाल करने का आदेश दिया है। गौरतलब हो कि बाइक से घसीटने के आरोप में तत्कालीन एसपी जे.एस. गंगवार ने डीआईजी के निर्देश मामला संज्ञान में आते ही बिना कारण पृच्छा के बर्खास्त कर दिया था।

दोनों पुलिसकर्मी बर्खास्तगी के बाद डीजीपी के यहां भी अपनी फरियाद लेकर गये। लेकिन उन दोनों को राहत नहीं मिली। करीब 10 साल की लंबी कानूनी लड़ाइ के बाद हाईकोर्ट ने दोनों पुलिसकमियरें को दोषमुक्त करते हुए बहाल करने का आदेश दिया है। बर्खास्त दोनों पुलिसकर्मियों ने वर्ष 2011 में बर्खास्तगी के विरूद्ध पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के जस्टिस ज्योति शरण ने मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि पीड़ित मो. औरंगजेब ने खुद कबूल किया था कि न तो पुलिस ने उसे बाधा था और न ही उसे घसीटकर थाना लाया गया था।

स्थानीय लोगों ने रस्सी से बाधकर मारपीट कर घसीटा था। औरंगजेब ने बयान में कहा है कि अगर पुलिसकर्मी समय रहते मौके पर नहीं नहीं पहुंचते तो उग्र भीड़ उसे जान से मार देती। अधिकारी द्वारा दोनों पुलिसकर्मियों के बर्खास्ती को लेकर साक्ष्य या कोई गवाह पेश नहीं कर सकी। कोर्ट ने बर्खास्त करने वाले अधिकारी की कार्रवाई पर अचरज जताते हुए हुए कहा कि उन्होंने बिना किसी साक्ष्य के कार्रवाई कर दी। गौरतलब हो कि परबत्ती की एक महिला से चेन छिनतइ के आरोप में लोगों ने औरंजेब नाम के व्यक्ति की जमकर पिटाइ की थी और बाइक से बांध कर घसीटा था।