नवगछिया को पूर्ण जिला का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर अब लंबी लडाई लडी जाएगी। काफी समय से नवगछिया जिला बनने का सभी मापदंड को पूरा कर रहा है। 1992 मे ही नवगछिया को पुलिस जिले का दर्जा प्राप्त है। ये बातें भागलपुर के सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने शनिवार को खरीक प्रखंड के राघोपुर स्थित आईबी गेस्ट हाउस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही।
उन्होंने कहा कि नवगछिया को जिले का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर तीन दिनों के अंदर सूबे के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से मिलेंगे। अगर नवगछिया को पूर्ण जिला का दर्जा नहीं मिला तो क्षेत्र गंगा व कोसी नदी में समा जाएगा। जहां कटाव नियंत्रण के समुचित उपाय नहीं हो रहे हैं।
उन्होने कहा कि 1992 मे तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने नवगछिया में बढते अपराध को नियत्रित करने के लिए पूलिस जिला बनाया था, लेकिन प्रषासनिक तालमेल के अभाव में अपराध पर काबू होने के बजाय अपराधियों का मनोबल और भी उंचा हो गया है। आज लगातार हत्याएं होने से पूरा इलाका दहशत में है।
उन्होने कहा कि नवगछिया को जिला बनने के जितने भी मापदंड हैं, वे सारे पूरे हो रहे हैं। जैसे -
- 17 दिसंबर 1954 से ही नवगछिया को अनुमंडल पुलिस मुख्यालय कार्यरत है।
- 24 नवंबर 1972 से अनुमंडल मुख्यालय कार्यरत है।
- 1992 से ही नवगछिया को पुलिस जिले का दर्जा प्राप्त है। जहां एसपी पदस्थापित हैं। जिसके अंतर्गत 7 थाना और 4 सहायक थाना कार्यरत हैं।
- यहां व्यवहार न्यायालय है, जहा जिला जज महीने मे दो बार आकर कैंप कोर्ट लगाते हैं।
- जेल और कोषागार भी हैं।
- जिला मुख्यालय के लायक अनुमंडल मुख्यालय में जमीन भी है।
- सड़क यातायात को एनएच-31 के किनारे बसा है नवगछिया ।
- रेलवे स्टेशन को आदर्श रेलवे स्टेशन का दर्जा प्राप्त है। जहां राजधानी एक्सप्रेस जैसी कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव भी है।
- रेलवे का रैक प्वाइंट भी है नवगछिया।
- मक्का उत्पादन के लिए सदियों से मशहूर है नवगछिया ।
- केला, टमाटर व मक्का का है प्रमुख व्यापार केंद्र।
- डीसीएलआर व एसडीओ कोर्ट भी है।
- जमीन की खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री आफिस भी है।
- अधिकांश सरकारी बैंकों की शाखा भी है उपलब्ध।
- फिलहाल यहाँ सात ब्लाक, 71 पंचायत, एक नगर पंचायत है।
- नवगछिया पुलिस जिले की जनसंख्या सात लाख 47 हजार 837 है
- जिसका क्षेत्रफल 163987 हेक्टेयर हे।
- शिक्षा के लिए महिला कालेज सहित कई कालेज हैं।
- कोसी और गंगा के सुदूर दियारा क्षेत्र का विकास अब भी अधूरा है। जहां बिजली और कई बुनियादी सुविधा से वंचित हैं लोग।
- हर साल होता है बाढ़ ग्रस्त। जहां नहीं पहुँच पाते हैं जिला मुख्यालय भागलपुर के अधिकारी ।
- आम लोगों का जिला मुख्यालय जाने में दिन भर होता है बर्बाद।
- सभी राजनैतिक दल और संगठन कर रहे हैं नवगछिया को जिला बनाने की मांग।
- सरकारी अधिकारियों ने भी भेजा है प्रस्ताव।