पेट्रोल कीमतों में 7.50 रुपये प्रति लीटर के इजाफे के बाद अब केंद्र सरकार का अगला निशाना डीजल और रसोई गैस है। सरकार ने इसके दाम में भी खासा इजाफा करने की पूरी योजना बना ली है। शुक्रवार को होने वाली ईओएम बैठक के बाद सरकार इस इजाफे का ऐलान कर सकती है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के एक उच्चस्तरीय अधिकारी ने बताया कि सरकार ने डीजल की कीमत में 3 से 5 रुपये का इजाफा करने की योजना बनाई है। वहीं रसोई गैस की कीमत भी करीब 400 रुपये तक बढ़ाई जा सकती है। वर्तमान स्थिति के चलते सरकार पर इसको बढ़ाने का दबाव बढ़ता जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, डीजल को बाजार के हवाले करने को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि सरकार अभी केवल डीजल के दाम बढ़ाने पर फोकस है। अगले 1 साल में कोई विधानसभा चुनाव न होने के चलते सरकार डीजल-रसोई गैस पर सख्त फैसला लेने को तैयार हो गई है।
दिलचस्प है कि वर्तमान में केंद्र सरकार की ओर से डीजल पर 14 रुपये 29 पैसे प्रति लीटर सब्सिडी दी जा रही है। चालू वित्त वर्षके लिए सरकार ने ऑयल सब्सिडी के लिए 43,580 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसमें से 40 हजार करोड़ रुपये सरकारी तेल कंपनियों को जाना है जो बाजार से कम कीमत पर पेट्रोलियम पदार्थ बेच रही हैं। सब्सिडी का बोझ देश के राजकोषीय घाटे पर भी भारी पड़ रहा है।