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SUCCESS STORIES: नवगछिया के महेश को सीएम नीतीश ने किया सम्मानित, गया था पीएचडी करने अमेरिका, अब है 3000 करोड़ टर्न ओवर वाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी का फाउंडर सीईओ

SUCCESS STORIES: नवगछिया के महेश को सीएम नीतीश ने किया सम्मानित, गया था पीएचडी करने अमेरिका, अब है 3000 करोड़ टर्न ओवर वाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी का फाउंडर सीईओ 
राजेश कानोडिया। सफलता किसी की मोहताज नहीं होती। एक बेमिसाल सफलता की कहानी है बिहार के भागलपुर जिले से नवगछिया के महेश कुमार की। जो पीएचडी करने अमेरिका गया था। आज वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में जाना पहचाना नाम बन गया है। दो दिन तक पटना के ज्ञान भवन में चले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश-विदेश से आए 600 से अधिक इन्वेस्टर्स में महेश कुमार (43) भी एक सक्सेस चेहरा था। उसे भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अंगवस्त्र और मोमेंटो से सम्मानित किया। 
महेश ने 1995 में सैनिक स्कूल से स्कूली पढ़ाई खत्म करने के बाद आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की। फिर आगे की पढ़ाई के लिए साल 1999 में यूएस चला गया। बोस्टन के एमआईटी कॉलेज से पीएचडी पूरी की। पीएचडी कंप्लीट करने के बाद इसी कॉलेज में प्रोफेसर की नौकरी मिल गई। फिर भारत आने का मन ही नहीं हुआ। 8 सालों तक उसी कॉलेज में प्रोफेसर रहा। मौका मिला तो उस दौरान भारत आकर आईआईएम जैसी जगहों पर क्लासेस लिया करता था।

अपनी कंपनी के बारे में बताते हुए महेश कुमार ने कहा, टाइगर एनालिटिक्स के लिए कोई प्री प्लान नहीं था। प्रोफेसर के पद पर काम करते हुए ऐसा लगा कि अब खुद का कुछ शुरू करना चाहिए। इसके बाद धीरे-धीरे मैंने अपने बदौलत पैसे जुटाना शुरू किया। साल 2011 में टाइगर एनालिटिक्स की नींव रखी। शुरुआती दौर में कंपनी में कोई काम नहीं करना चाहता था। दो-तीन साल लगे थे 4 से 5 एम्पलाइज हायर करने में, लेकिन आज इसी कंपनी में दुनिया भर से 5000 एम्पलाइज काम कर रहे हैं। आज हमारी कंपनी किसी पहचान की मोहताज नहीं है।
महेश बताते हैं, टाइगर एनालिटिक्स की सबसे बड़ी बात है कि 12 साल की इस कंपनी ने कभी भी बाहर से फंड नहीं लिया है। खुद की बदौलत कंपनी को शुरू किया था, जो आज 12 सालों में 3000 करोड़ रुपए का टर्नओवर कर रही है। टाइगर एनालिटिक्स की जब शुरुआत हुई तो पहले साल का इस कंपनी का टर्नओवर 8 करोड़ हुआ था। शुरुआती सालों में कंपनी काफी स्लो ग्रो कर रही थी। कुछ सालों में इसने 20 गुना से भी ज्यादा ग्रो किया है।

महेश बताते हैं, जब मैं बिहार में अपनी कंपनी शुरू करने का सोचा तो खुद मेरे पिता जो बिहार में ही रहते हैं उन्होंने मुझे मना कर दिया। उन्होंने कहा कि बिहार काम करने के लिए सेफ नहीं है। इसके बाद मैं और भी कई लोगों से सुना कि यहां पर कंपनी सेटअप करना सही डिसीजन नहीं होगा। लेकिन मैंने मन बना लिया था कि मुझे बिहार में अपनी कंपनी का ऑफिस स्टार्ट करना है। इसके लिए मैंने बाकी और लोगों से बात करनी शुरू की। तो मुझे पता चला कि आईटी सेक्टर में ज्यादा प्रॉब्लम्स नहीं आएगी।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के परिणाम और बिहार में चुनौतियों के सवाल पर आखिर महेश के दिल का दर्द छलक ही गया। महेश ने कही, वह जल्द ही बिहार में भी अपना ऑफिस सेटअप करने जा रहे हैं। क्योंकि अब सरकार हर तरह से भरोसा दिला रही है। उनका कहना है, पटना में अपनी कंपनी का ऑफिस शुरू करने के प्लान पर उन्हें लोगों ने माना किया था।

बिहार की हालत लोगों को पता है। ऐसा नहीं है कि देश से बाहर रहने वाले बिहार के बारे में नहीं जानते हैं। यहां की हर जानकारी मिल जाती है, बिहार जैसा नहीं है, वैसा भी बताया जाता है जो इसकी इमेज को खराब कर रहा है। बिहार में संभावनाएं ज्यादा हैं, जो बिहारी बाहर जा कर बस गए हैं और अपना एम्पायर खड़ा कर चुके हैं, उन्हें बिहार लौट कर आना चाहिए। इससे बेरोजगारी दूर होगी और बिहार की तस्वीर बदलेगी।

महेश बताते हैं, यहां के लोग स्थिति जानते हैं इसलिए रोकते हैं। सरकार को थोड़ा बड़ा प्लान करना होगा, जिससे बाहर से लोग आकर यहां काम कर यहां के लोगों को रोजगार दे सकें। पटना के ज्ञान भवन में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश और विदेश से 600 से अधिक इन्वेस्टर्स पटना पहुंचे हैं। इसमें बिहार में अपॉर्चुनिटी के सभी रास्ते खुल रहे हैं।
नवगछिया के इस लाल महेश कुमार की इस सफलता पर माता बीना देवी, पिता पुरुषोत्तम यादुका, भाई नटवर, बहन सीमा को तो नाज है ही। साथ ही साथ अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेश जालान, LET'S INSPIRE BIHAR के प्रणेता आईपीएस विकास वैभव, नवगछिया के एसपी सुशांत कुमार सरोज, एसडीओ उत्तम कुमार, प्रमुख समाजसेवी पवन कुमार सर्राफ, अजय कुमार रूंगटा, राम प्रकाश रुंगटा, प्रेम सागर उर्फ डब्लू यादव, बिनोद चिरानिया, कमलेश अग्रवाल, दिनेश सर्राफ, बिनोद केजरीवाल, पारस खेमका, राजेन्द्र यादुका, भगवती प्रसाद पंसारी, संतोष सर्राफ, राज कुमार गाड़ोदिया, सुभाष चन्द्र वर्मा इत्यादि दर्जनों लोगों ने अपनी शुभकामनाएं दी हैं।