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राज्य में हो रही जाति गणना पर अगली सुनवाई तक हाईकोर्ट ने लगाई रोक, दिया निर्देश भी

राज्य में हो रही जाति गणना पर अगली सुनवाई तक हाईकोर्ट ने लगाई रोक, दिया निर्देश भी
नव-बिहार समाचार, पटना। हाईकोर्ट ने राज्य में चल रहे जाति आधारित गणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। कोर्ट ने अबतक इकट्ठा किए गए डाटा को सुरक्षित रखने तथा किसी के साथ साझा नहीं करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है। अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी। मुख्य न्यायाधीश कृष्णन विनोद चंद्रन तथा न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने गुरुवार को यह अंतरिम आदेश दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में सभी पक्षों की ओर से दी गई दलीलों का विस्तार से उल्लेख किया है। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया हमारा यह मत है कि राज्य सरकार को जातीय आधारित सर्वे कराने का अधिकार नहीं है। यह एक प्रकार से सेंसस कराने का प्रयास है, जो संसद के अधिकार का हनन है। महाधिवक्ता पी के शाही ने आदेश के बारे में पूछने पर कहा कि राज्य सरकार से विचार विमर्श के बाद निर्णय लिया जाएगा कि आगे क्या करना है। गौरतलब है कि बिहार में जनवरी 2023 में जातीय जनगणना का काम शुरू हुआ था। दूसरे चरण का काम 15 अप्रैल से लेकर 15 मई तक होना था। पहले चरण में मकानों की गिनती की गई थी। इसका दूसरा चरण जारी था। 27 अप्रैल को ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पटना हाईकोर्ट जाने को कहा था।

इधर बिहार सरकार ने कोर्ट के आदेश को लागू करते हुए सरकार के उप सचिव रजनीश कुमार ने गणना को स्थगित करने का आदेश जारी किया है। उन्होंने सभी डीएम को पत्र लिख कर डाटा सुरक्षित रखने व शेयर न करने का निर्देश भी दिया है।