पुराने नोटों को बदलने के लिए एक व्यवस्था बनाने पर किया जाएगा विचार
नई दिल्ली। देशभर में नोटबंदी की सूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को संविधान पीठ के सामने सुनवाई हुई। जस्टिस एसए नजीर की अध्यक्षता में पांच जजों की पीठ ने संकेत दिया कि पुराने नोटों को बदलने के लिए एक व्यवस्था बनाने पर विचार किया जाएगा। हालांकि, कुछ विशेष मामलों की जानकारी दी जाएगी।
इन शिकायतों में नोटबंदी की 8 नवंबर 2016 की सूचना को अवैध अभ्यावेदन चुनौती दी गई है। केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणि ने कहा कि कोर्ट इस तरह का आदेश नहीं दे सकता। नोटबंदी के बाद नोट बदले जाने के लिए विंडो को काफी आगे बढ़ाया गया लेकिन लोगों ने इसका लाभ नहीं उठाया।
उन्होंने कहा कि कुछ विशेष मामलों में सरकार नोट के बदले जाने के बारे में विचार कर सकती है। शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने नोटंबदी की सूचना भेजी। उन्होंने कहा कि यह जाली नोट की समस्या और आतंक की फंडिंग रोकने के लिए उठाया गया कदम था।
विशेष मामले का विकल्प
हम एक तंत्र बनाने पर विचार करेंगे, जिसमें विशेष मामलों में पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बदलने के विकल्प देखें। रिजर्व बैंक 2017 के कानून की धारा 4(2)(3) के तहत कर सकता है।
सरकार कवायद बेमतलब
नोटबंदी आरक्षित बैंक कानून, 1934 के तहत रखा गया था। इसमें कोई कानूनी परेशानी नहीं है। इन शिकायतों पर अब विचार करना अस्पष्ट कवायद है जिसका अब कोई मतलब नहीं है।
दावेदार पुराने नोट पड़े हैं, हम क्या करें
मेरे पास एक करोड़ रुपये से ज्यादा के पुराने नोट हैं। कोर्ट ने कहा, आप इन्हें संभाल कर रखिये।
मेरी ज़ब्त की गई लाखों रुपये की राशि अदालत में फंस गई है, लेकिन नोटबंदी के बाद वह बहुत कम हो गई है।
हम विदेश में थे। मार्च से पहले बंद हो गया था। कहा गया था कि मार्च के अंत तक खुला रहेगा।