हरि को पाने के लिए हरि का नाम ही एक माध्यम है- बालव्यास पं श्रीकांत जी शर्मा
NBS NEWS, NAUGACHIA: नव-बिहार समाचार, नवगछिया। हरि को पाने के लिए हरि का नाम ही एक मात्र माध्यम है। भगवान ने धरती पर धर्म की स्थापना हेतु कंस का वध किया। पुत्र का अर्थ होता है जो अपने माता पिता को नरक से निकाल दे और इसी तरह भवगान ने भी अपने माता पिता को कंस के चंगुल से छुड़ाया। ये बातें नवगछिया स्थित बाल भारती विद्यालय के प्रांगण में यादुका परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन कोलकाता से आये बाल व्यास पंडित श्रीकांत जी शर्मा ने भागवत की महिमा का वर्णन करते हुए बतायी। वहीं कथा के दौरान रुक्मणी विवाह की अलौलिक झांकी प्रस्तुत की गई।जिसमें श्रेया और राधिका ने कृष्णा और रुक्मणी बन लोगो को एक सुंदर दर्शन करवाए। कथा के यजमान राजेन्द्र यादुका ने बताया कि कल सोमवार को भागवत कथा के अंतिम दिन कथा 2 बजे से 5 बजे तक चलेगी और हवन के साथ भागवत का समापन भी कल होगा।
भागवत कथा को सफल बनाने में सहयोगी संस्था के रूप में मारवाड़ी युवा मंच, नवगछिया जागृति, श्री श्याम भक्त मंडल, सांवरे सरकार, श्याम दीवाने के सदस्यों ने परमपूजनीय गुरुजी का संम्मान किया। कथा के छठे दिन पवन सराफ, विकास खंडेलिया, प्रवीण भगत, मोहन अग्रवाल, संजीव सितानी, सुबोध अग्रवाल, रोहित खंडेलिया, राधेश्याम जी, पवन अग्रवाल, पप्पू अग्रवाल, मनीष वर्मा, मनोज चौधरी, निर्मल चौधरी, उर्वशी शर्मा, मुन्नी चिरानिया आदि की विशेष उपस्थिति रही।