नव-बिहार न्यूज एजेंसी (NNA), भागलपुर। नाथनगर उपद्रव के आरोपी केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के पुत्र अर्जित शाश्वत चौबे को
ज्यादा देर तक शहर में बाहर नहीं रहने देने की तैयारी पुलिस ने पहले से ही कर रखी थी। रविवार को पेशकार पहले ही जरूरी दस्तावेज जजेज कालोनी स्थित एसीजेएम एआर उपाध्याय के आवास पर पहुंचा चुके थे, ताकि जरूरी प्रक्रिया में देरी न हो। अर्जित को दोपहर 12:05 में एसीजेएम आवास पर लाया गया और 12:26 में उन्हें विशेष केंद्रीय कारा भेज दिया गया।
अर्जित शाश्वत चौबे को पटना से पुलिस सुबह ही साथ लेकर चली थी। पहले इस बात को लेकर असमंजस थी कि उन्हें मुंगेर होते हुए लाया जायेगा या नवगछिया की तरफ से। बाद में यह साफ हो गया कि उन्हें बेगूसराय और नवगछिया होते हुए लाया जा रहा है। उसके बाद कार्यकर्ता उस रूट पर पहुंचने लगे। दूसरी तरफ अर्जित के जेल जाने के बाद भी उनका फेसबुक एकाउंट सक्रिय होने पर सवाल उठ रहे हैं। आखिर उनका फेसबुक एकाउंट कौन हैंडिल कर रहा है।
नवगछिया के रास्ते विक्रमशिला टीओपी के पास अर्जित की गाड़ी पहुंचते ही वहां पहले से मौजूद महिला कार्यकर्ता गाड़ी के सामने लेट गयीं। जब उन्हें वहां से हटाया गया तो वे लोग गाड़ी के सामने आकर खड़ी हो गयीं और जय श्रीराम के नारे लगाने लगीं। महिला कार्यकर्ता आरोप लगा रही थीं कि अर्जित को गलत तरीके से फंसाया गया है। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने उन्हें रास्ते से हटाया। कुछ देर बाद महिलाएं एसीजेएम आवास के बाहर पहुंच गयीं।
अर्जित शाश्वत चौबे को जिस काले रंग की वाहन से भागलपुर लाया गया, वह इशाकचक के मोनू मिश्रा की थी। मोनू ने बताया कि उन्हें शनिवार की रात गाड़ी देने को कहा गया तो उन्होंने उपलब्ध करा दी। पटना पुलिस और भागलपुर पुलिस की टीम अर्जित को साथ लेकर पटना से आ रही थी। भागलपुर से लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी को भेजा गया था। एसएसपी मनोज कुमार ने बताया कि मोकामा में दोनों तरफ से गाड़ी पहुंची तो पटना से आ रही गाड़ी से उतार कर अर्जित को भागलपुर से गयी गाड़ी में बिठाकर भागलपुर लाया गया। भागलपुर से एसआई मुकेश के साथ एक अन्य पुलिस अधिकारी पिछले पांच दिनों से पटना में थे।
क्या है मामला
भागलपुर के नाथनगर में 17 मार्च को नववर्ष का जुलूस निकालने के दौरान दो पक्षों में हिंसक झड़प हुई थी। इस घटना में कुछ पुलिसवाले और कुछ स्थानीय लोग घायल हो गए थे। जुलूस की अगुवाई अर्जित शाश्वत चौबे ही कर रहे थे। नाथनगर थाने में पदस्थापित दारोगा हरिकिशोर सिंह के बयान पर दो प्राथमिकी दर्ज की गयी है। पहली प्राथमिकी बिना अनुमति के जुलूस निकालने, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश और हरवे-हथियार के साथ सड़क पर खुलेआम घूमने के आरोप में दर्ज की गयी थी। इसमें केन्द्रीय मंत्री के बेटे भाजपा नेता अर्जित शाश्वत चौबे के अलावा अभय घोष उर्फ सोनू, प्रमोद वर्मा, देव कुमार पांडेय, निरंजन सिंह, संजय भट्ट, सुरेंद्र पाठक, अनूपलाल साह और प्रणव साह व अज्ञात चार से पांच सौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
इसके अलावा पुलिस के ही बयान पर दूसरा केस दर्ज किया गया जिसमें 12 लोगों को नामजद किया गया है। इसमें विक्रम यादव, पिंकू यादव, पंकज यादव, मनीष यादव, शंकर यादव, आकाश साह, सम्मी अंसारी, सोनू, मुन्ना, सहालय, जशीम और शहंशाह शामिल हैं। इन सभी के ऊपर पुलिस पर पथराव करने, दुकानों में तोड़फोड़ और गोलीबारी करने का आरोप है।
अर्जित ने भागलपुर कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी जिसे कोर्ट ने नामंजूर कर दिया था। उनके और उनके सहयोगियों के खिलाफ वारंट भी जारी किया गया था। पुलिस उनके खिलाफ इश्तेहार और कुर्की की अर्जी भी कोर्ट में दायर करने की तैयारी में थी। शनिवार की देर रात पटना स्थित हनुमान मंदिर के बाहर से पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।