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सीएम नीतीश के काफिले पर हमला, पत्थरबाजी से कई गाड़ियों के शीशे टूटे

नव-बिहार न्यूज नेटवर्क, बक्सर : बिहार विकास समीक्षा यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर शुक्रवार को उस समय पथराव किया गया जब नंदन गांव से मुख्यमंत्री का काफिला गुजर रहा था। कुछ उपद्रवियों द्वारा पत्थरबाजी करने से काफिले की कुछ गाड़ियों के शीशे फूट गए और अफरातफरी मच गयी। कई पुलिस वालों को भी चोट लगी। मुख्यमंत्री ने घटना के उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं।

नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ उपद्रवी लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है। जांच के बाद असली कारणों का पता चलेगा। मुख्यमंत्री ने तुरंत लोगों के असंतोष के कारणों, प्रशासन की चूक और उपद्रवियों की शिनाख्त कर कड़ी कार्रवाई समेत पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी पटना के प्रमंडलायुक्त आनंद किशोर और आइजी नैयर हसनैन को सौंपी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जिस तरह से विकास का काम कर रहे है, उससे कुछ लोगों को परेशानी होती है। ऐसे लोग उकसावे और बहकावे की राजनीति में जुटे हैं। इनकी हमें परवाह नहीं। बिहार की जनता ने सेवा करने का हमें मौका दिया है। हम न्याय के साथ विकास का काम करते हैं।

लोगों ने हमें काम करने के लिए मौका दिया है, राज करने के लिए नहीं। हमलोगों का स्पष्ट तौर दिशा-निर्देश है कि हर पंचायत में सात निश्चय के तहत निर्धारित विकास के काम होने हैं, जिसे हर हाल में चार साल के अंदर पूरा करना है। कुछ लोगों के अंदर जो गलतफहमी है वह अपने आप दूर हो जाएगी। किसी को कोई परेशानी नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध करने का संवैधानिक अधिकार सभी को है। हम इस तरह की हरकतों से अपनी बात को बुनियादी चीजों से भटकने नहीं देंगे। हम हर घर तक बुनियादी सुविधा पहुंचाना चाहते हैं।

घटना की प्रारंभिक जांच के बाद पटना पटना प्रमंडल के आयुक्त आनंद किशोर और आइजी नैयर हसनैन ने कहा कि पथराव करने वाले नंदन गांव के आक्रोशित ग्रामीण नहीं, बाहर से आए उपद्रवी थे। जिस तरह के पत्थर और बोल्डर काफिले पर फेंके गए थे, वे सामान्यत: गांव में नहीं मिलते हैं। गांव के आसपास सड़क भी नहीं बन रही है। ऐसे में उपद्रवी पत्थर अपने साथ लेकर आए थे। पहले से साजिश थी।

आनंद किशोर ने मीडिया से पथराव के सभी फोटो और फुटेज और गत एक सप्ताह में नंदन गांव के लोगों में आक्रोश की खबरों की कटिंग मांगी है। योजनाओं का चयन करने वाले अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। जांच होगी ऐसा किन हालातों में हुआ कि एक ही गांव में एक भाग मॉडल बन गया और दूसरा कोना बदहाल रहा। ऐसा तो कोई सरकारी निर्देश नहीं है कि एक गांव के विकास में भेदभाव किया जाए।

आनंद किशोर ने कहा कि मीडिया में विकास के प्रति ग्रामीणों के आक्रोश की जो फोटो के साथ खबरें छपीं उसके आलोक में अधिकारियों ने क्या उपाय किए? इसकी भी टीम जांच करेगी। फोटो वाले चेहरों की शिनाख्त कर उनसे भी पूछताछ की जाएगी। एसडीओ, बीडीओ समेत तमाम संबंधित अधिकारियों से दोनों जांच अधिकारी अलग-अलग पूछताछ करेंगे।

आनंद किशोर ने बताया कि कल वे और आइजी नैयर हसनैन गांव जाकर ग्रामीणों ने बातचीत करेंगे। पूरे गांव का निरीक्षण भी किया जाएगा। इसके अलावा पुलिस ने फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की गिरफ्तारी को छापेमारी शुरू कर दी है। सभी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।