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कोसी, सीमांचल और उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति हुई भयावह

नव-बिहार न्यूज नेटवर्क (NNN): बिहार के कई इलाकों में हो रही लगातार बारिश से बाढ़ की स्थिति भयंकर हो रही है साथ ही करोड़ों की आबादी बुरी तरह घिर गई है। सीमांचल, कोसी और उत्तर बिहार के जिलों में स्थिति
भयावह बन गयी है। जहां नदियां उफना रहीं हैं जिसकी वजह से कई तटबंध टूट गए हैं। ग्रामीण और शहरी इलाके में पानी तेजी से फैल रहा है।
जोगबनी, कटिहार और किशनगंज में कई रेलवे स्टेशन और ट्रैक डूब गए हैं। राजधानी एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ गया है तो कई को मार्ग बदल कर चलाया गया है। बिहार और नेपाल में हो रही भारी बारिश से बिहार की छोटी-बड़ी नदियों में उफना रहीं। बारिश थमी नहीं है। आशंका है कि स्थिति और बिगड़ेगी। स्थिति गंभीर होती देख राहत और बचाव के लिए सेना बुलानी पड़ी।
नेपाल में पिछले 72 घंटे के अंदर 500 एमएम बारिश हुई है। महानंदा का जलस्तर कनकई के माध्यम से सीमांचल में फैल गया है । वैसे कटिहार से पानी कम होने की रिपोर्ट भी है। अब नजर गंडक पर है। वहां ढाई लाख क्यूसेक डिस्चार्ज है। उस इलाके में बारिश के पूर्वानुमान को लेकर सतत निगरानी चल रही है।
बाढ़ प्रभावित सीमांचल के इलाके में एनडीआरएफ की टीम पहुंच गयी है। प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री से बात कर सेना को भी तैयार रखा गया है। तीस्ता से 50 हजार क्यूसेक डिस्चार्ज की वजहब से कनकई के माध्यम से किशनगंज में पानी पहुंच गया। मानसून अब पूरब से पश्चिम की ओर जा रहा मानसून इसलिए गंडक की स्थिति पर ध्यान है।
बिगड़ते हालात से परेशान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन कर केंद्र की मदद मांगी। सीएम ने केंद्रीय गृहमंत्री और रक्षा मंत्री अरुण जेटली से भी बात की। इसके बाद बचाव और राहत कार्य के लिए सेना उतार दी गई। एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीम भी ओडिशा से पहुंची है। सोमवार को नीतीश बाढ़ प्रभावित सीमांचल और कोसी क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव अमृत प्रत्यय ने बताया कि मुख्यमंत्री से अरुण जेटली की बातचीत के बाद तत्काल सेना सक्रिय हुई।
पटना-रांची से पहुंचे सेना के 350 जवान
सीमांचल और कोसी क्षेत्र के जिलों में सेना के करीब 350 जवानों ने राहत और बचाव का मोर्चा संभाल लिया। बिहार और झारखंड के आर्मी कैंप से चार कॉलम सेना बुलाई गई। दानापुर कैंप के जवानों को किशनगंज में लगाया गया है। रांची एवं जमशेदपुर से भी देर रात जवान पहुंच चुके हैं। उन्हें पूर्णिया में रोका गया है। बाढ़ की भयावहता एवं जरूरतों के मुताबिक उन्हें सोमवार को राहत एवं बचाव कार्य के लिए मौके पर रवाना किया जाएगा।