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भगवान हमारे ह्रदय की आवाज सुनते हैं- स्वामी आगमानंद

नव-बिहार न्यूज नेटवर्क, पटना | शिवशक्ति योगपीठ नवगछिया,भागलपुर के पीठाधीश्वर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज के सानिध्य में आयोजित श्रीश्री 108 सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के तीसरे दिन स्वामी जी ने भक्त ध्रुव चरित तथा अधम भक्त अजामिल उद्धार की संगीतमय कथा सुनाई। परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा कि भक्तराज ध्रुव बालपन में तपस्या कर भगवान को प्राप्त किए थे। पिता की गोद चाहते थे। माता-पिता का स्नेह आशीर्वाद के साथ-साथ भगवान ने उन्हें एक लोक बना कर बसा दिया। तात्पर्य भगवान को किसी भी भाव से पूजें,भगवान हमारे ह्रदय की आवाज सुनते हैं। जब-जब पृथ्वी पर धर्म का नाश होता है,अधर्म बढ़ता है और मानवता को खतरा होता है। तब भगवान विष्णु किसी किसी रूप में जन्म लेकर संसार की रक्षा करते हैं।