ताजा समाचार :

6/Posts/ticker posts

बाजार में छाने लगी फ्रेंडशिप बैंड की बहार


राजेश कानोडिया, नवगछिया। इस बदलती दुनिया में अब दोस्ती का पैमाना भी बदलता जा रहा है। जहां पहले दोस्ती कृष्ण और सुदामा की तरह दिल से होती थी। वहाँ अब दोस्ती दिल की जगह दिखावा से होने लगी है। जो ना जाने कब अपना रंग बदल दे। चाहे यह दोस्ती दो दलों के बीच हो या दो दिलों के बीच। इसी कारण अब दोस्ती के बीच दरार भी बढ़ने लगी है। इसी दरार को दूर करने के लिये इस समय फ्रेंडशिप बैंड का चलन चल चुका है। जिसे फ्रेंडशिप डे के मौके पर बांध कर दोस्त अपनी दोस्ती के मजबूती की प्रतिज्ञा भी करते हैं। 

कब है फ्रेंडशिप डे 
चूंकि फ्रेंडशिप डे प्रति वर्ष अगस्त महीने के प्रथम रविवार को ही मनाया जाता है। इस साल अगस्त महीने का पहला रविवार 3 अगस्त को आयेगा। इसीलिए दोस्ती का यह अंतर्राष्ट्रीय दिवस इस साल 3 अगस्त को मनाया जायेगा। जबकि 2005 में 7 अगस्त, 2006 में 6 अगस्त, 2007 में 5 अगस्त, 2008 में 3 अगस्त, 2009 में 2 अगस्त, 2010 में 1 अगस्त, 2011 में 7 अगस्त, 2012 में 5 अगस्त तथा 2013 में 4 अगस्त को मनाया गया था। 

युवाओं में है खास प्रचलन 
जब बात हो किसी रिस्ते की तो रिस्ते नाते के बिना जिंदगी अधूरी होती है। वह भी इस समय युवाओं में फ्रेंडशिप डे का खास क्रेज है। इस बहाने ये नये नये दोस्त बनाते हैं। पुराने दोस्तों से दोस्ती मजबूत करते हैं। दोस्तों को घर पर बुलाते हैं। विशेष तरह का खाना बनाते और खाते हैं। कुछ दोस्त पार्कों में समय बिताते हैं। वहीं कुछ दोस्त एक दूसरे को एसएमएस करते हैं। तो अधिकांश युवा दोस्त एक दूसरे को फ्रेंडशिप बैंड बांधते हैं। 

फ्रेंडशिप बैंड की बहार 
युवाओं द्वारा फ्रेंडशिप बैंड की बढ़ती मांग पर बाजार में इसकी बहार सी छा गयी है। इस समय बाजार में कई तरह के डिजाइनदार फ्रेंडशिप बैंड उपलब्ध हैं। जिसके बीच में फ्रेंड लिखा होता है। इसके बगैर भी कई डिज़ाइनों में ये बैंड बिक रहे हैं। जिनमें युवाओं द्वारा डोरी नुमा बैंड तथा रबर वाले बैंड ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं। जबकि मोती वाले तथा हीरे वाले भी फ्रेंडशिप बैंड बाजार में पसंद किये जा रहे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा बिक्री सस्ते फ्रेंडशिप बैंड की हो रही है। 

क्या कहते हैं युवा 
फ्रेंडशिप के बारे में सुभाष, संदीप, आलोक, अन्नु, पूजा, पायल इत्यादि युवा का कहना है - दोस्ती नाम है सुख दुख के अफसाने का, ये राज है सदा मुस्कुराने का, ये पल दो पल की रिस्तेदारी नहीं, ये तो फर्ज है उम्र भर निभाने का। वहीं राजू, राजेश का कहना है दोस्ती किसी भी उम्र के लोग से की जा सकती है, मोल है उसे निभाने का।