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अमेरिका से बोला भारत, जासूसी कतई मंजूर नहीं


भारत ने आज अमेरिका के सामने देश के प्रमुख राजनेताओं की जासूसी किये जाने के मुद्दे पर सख्त एतराज जताया और उसे साफ-साफ लहजे में कहा कि उसे यह कतई मंजूर नहीं है। अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन कैरी के साथ लगभग चार घंटे तक चली द्विपक्षीय बैठक के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्होंने बैठक में यह मुद्दा उठाया और कैरी को बताया कि जब अखबारों में यह मामला सामने आया तो देशवासियों ने इसे लेकर बहुत गुस्सा जाहिर किया है और उनमें बहुत रोष है।
अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बीच आज हुई बैठक हुई। मोदी सरकार बनने के बाद दोनों देशों के बीच विदेश मंत्री स्तर की ये पहली मुलाकात है। भारत ने नेताओं की जासूसी पर अमेरिका से दो टूक शब्दों में विरोध जताया है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही इस मुद्दे पर भारत की नाराजगी साफ-साफ जता दी। सुषमा स्वराज ने जासूसी को लेकर पूछे गए एक सवाल पर कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में जासूसी का मुद्दा भी उठा। सुषमा ने कहा कि हम एक दूसरे को मित्र देश मानते हैं, ऐसे में एक मित्र देश, दूसरे मित्र देश की जासूसी करे, यह अनुचित है।
अचानक उछले इस सवाल से बैकफुट पर आए कैरी ने भारत की चिंता को जायज ठहराया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी मोदी रंग में नजर आए। केरी ने मोदी की नीतियों की जमकर तारीफ की। यही नहीं उन्होंने अपनी स्पीच में मोदी के नारे सबका साथ, सबका विकास का हिंदी में जिक्र भी किया और कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के विचार भी ऐसे ही हैं।
केरी ने कहा कि अमेरिका मोदी के साथ नए युग की शुरुआत के लिए उत्सुक बताया। उन्होंने कहा कि सितंबर में मोदी की प्रस्तावित अमेरिकी दौरे से दोनों देशों को काफी उम्मीदें हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुषमा स्वराज ने कहा कि बैठक में सुरक्षा, स्किल डिवलेपमेंट, आईटी, हेल्थकेयर पर बातचीत हुई।
अमेरिकी विदेश मंत्री तीन दिनी भारत दौरे पर हैं। इससे पहले आज उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और रक्षा मंत्री अरुण जेटली से भी मुलाकात की। कल शुक्रवार को वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे।