किसी भी क्षेत्र के क्षेत्रीय इतिहास के लिये वहाँ के भूगोल की जानकारी अति आवश्यक है। तभी उस क्षेत्र के इतिहास की सही जानकारी मिल पायेगी। ये बातें तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के सीसीडीसी डॉ0 प्रो0 राजीव कुमार सिन्हा ने शनिवार को नवगछिया स्थित जीबी कालेज में अपने विशेष व्याख्यान के दौरान कही ।
इस मौके पर प्राचार्य डॉ0 प्रो0 जयप्रकाश सिंह ने सीसीडीसी को अंगवस्त्र व फूलों की माला पहनाकर सम्मानित किया। इस मौके पर कालेज के प्राचार्य ने कहा कि कालेज के विकास के लिए यूजीसी सशक्त माध्यम हैं। सीसीडीसी ने कहा कि जीबी कालेज के लिए यूजीसी संभव मदद करेगी।
वहीं क्षेत्रीय इतिहास के बारे मे उन्होंने बताया कि इतिहास वर्तमान व अतीत के बीच का संवाद है उसे इतिहास कहते है। भारतीय इतिहास को जानने के लिए हमे भारत की भूगोल को समझना होगा। बिहार मे पहली बार खेती करना आरंभ आर्य के आगमन के पश्चात हुआ। आर्य के लोग लोहा अपने साथ लाये थे। उससे हल बनाकर बिहार में खेती का प्रारंभ किया। उत्तर बिहार का मैदानी भाग खेती के लिए अधिक उपयुक्त था। जहां लोगों को संसाधन मिला वही शहर विकसित होता गया। गंगा किनारे बसा अंग नगरी भागलपुर की यही कहानी हैं। गंगा नदी के कारण जलमार्ग अवागमन का सशक्त माध्यम था। गंगा नदी के माध्यम से दूर दूर से आये व्यपारियों का व्यपार फलने फूलने लगा।