राजेश कानोडिया, नवगछिया।
नवगछिया में कई वर्षों से अब तक लगातार धधक रही है जमीन की ज्वाला । जिसमें अब तक अनगिनत जानें जा चुकी हैं । जिसकी परवाह स्थानीय आला अधिकारी से लेकर राज्य सरकार तक किसी को नहीं दिखायी दे रही है। जिसके फलस्वरूप कई कई हत्याकांड भी हो चुके हैं।
नवगछिया के पिछले सालों के इतिहास को देखा जाय तो स्वतः स्पष्ट हो जायेगा कि इस क्षेत्र में कितनी हत्याएं हुई हैं। जिसकी जड़ में वजह है तो सिर्फ जमीन और इसकी फसल या फिर जलकर।
इन्हीं समस्याओं को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने नवगछिया को 1992 में पुलिस जिला बनाया था। जिसका असली मकसद आज तक पूरा नहीं हो सका है।
जिसके लिये कई कारण जबावदेह हैं। जैसे - संसाधनों की कमी, जीप, मोटरसाइकिल, धोड़सवार दस्ता, स्वान दस्ता, पुलिस बल अधिकारियों की कमी है। जिसे आज तक पूरा नहीं किया जा सका है। इसके साथ साथ आधुनिक हथियार और टेक्नोलोजी की भी कमी है। नदी थाना का प्रस्ताव भी फाइलों में धूल ही फांक रहा है।
जिसके लिये कई कारण जबावदेह हैं। जैसे - संसाधनों की कमी, जीप, मोटरसाइकिल, धोड़सवार दस्ता, स्वान दस्ता, पुलिस बल अधिकारियों की कमी है। जिसे आज तक पूरा नहीं किया जा सका है। इसके साथ साथ आधुनिक हथियार और टेक्नोलोजी की भी कमी है। नदी थाना का प्रस्ताव भी फाइलों में धूल ही फांक रहा है।