नवगछिया पुलिस जिला में पुलिस की हालत सुषुप्तावस्था जैसी हो गयी है। यह मानना है नवगछिया व्यवहार न्यायालय के कई न्यायिक पदाधिकारियों का। जिसके सबूत के तौर पर न्यायालय सूत्र बताते हैं कि नवगछिया पुलिस फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी का प्रयास जरा भी नहीं कर रही है। जिसके लेकर नवगछिया एसपी तथा एसडीपीओ से कारण पृक्षा भी किया गया है।
न्यायालय सूत्रों के अनुसार पूरे नवगछिया पुलिस जिला की पुलिस काफी सुस्त हो गयी है। जो फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने में बहुत ज्यादा सुस्ती बरत रही है। जिसमें सबसे ज्यादा खराब हालत है नवगछिया और बिहपुर थाना की पुलिस का।
जबकि सभी फरार अभियुक्तों की सूची नवगछिया एसपी को काफी पहले ही उपलब्ध करा दी गयी है। इसके बावजूद पूरे पुलिस जिला से एक माह में मात्र 17 वारंटी ही गिरफ्तार किए जा सके।
इसके अलावा अभियोजन एवं पुलिस द्वारा कई मामलों में पर्याप्त साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है। जिसका सीधा लाभ अभियुक्तों को मिल रहा है। हाल में भी कई मामलों में साक्ष्य के अभाव में अभियुक्तों को लाभ मिला है। जिसमें से एक मामला बीस साल से लंबित चल रहा था । इस मामले में भी अभियोजन और पुलिस साक्ष्य प्रस्तुत करने में असफल रहे। जिसका लाभ अभियुक्त को मिला और रिहा किया गया।
जबकि 17 वर्ष पुराने एक मामले में भी एक अभियुक्त को नवगछिया थाना की पुलिस अब तक प्रस्तुत नहीं करा सकी है। जिसका जीआर नम्बर 544/96 है, के अभियुक्त सियाराम यादव धोबीनिया निवासी अब तक फरार चल रहे हैं। जिनके द्वारा जिला जज के यहाँ रिविज़न बेल के लिए अर्जी भी दी गयी थी। जिसे वहाँ से खारिज भी किया गया है। इसके बावजूद भी उसे अब तक न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जा सका । इस मामले में अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा नवगछिया एसपी तथा एसडीपीओ से कारण पूछ गया है।