लालू प्रसाद यादव के रिहाई का परवाना रांची जेल पहुँचते ही बिरसा मुंडा जेल प्रशासन ने लालू प्रसाद यादव के रिहाई की कागजी कारर्वाई पूरी कर उन्हें जेल से रिहा कर दिया।
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट से बीते हफ्ते के शुक्रवार को जमानत मिली थी लेकिन कागज समय से जेल प्रशासन के पास न पहुँचने की वजह से राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को शनिवार और रविवार को जेल में ही गुजरना पड़ा। जेल से बाहर आने के बाद लालू प्रसाद यादव ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था। उन्होंने यह भी कहा कि जेल कृष्ण की जन्मभूमि है।
लालू प्रसाद यादव के चारा घोटाले मामले में सुनवाई 30 सितम्बर को हुई जिसका फैसला 3 अक्टूबर को सुनाया गया था। कोर्ट ने अपने फैसले में लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में दोषी पाते हुये 5 साल की सज़ा सुनाई और रांची के बिरसा मुंडा जेल भेज दिया था।
1990 के दशक में हुए इस घोटाले में लालू और अन्य पर फर्जी बिलों के आधार पर चाईबासा ट्रेजरी से 37.70 करोड़ रुपए निकालने का आरोप है। चाईबासा उस समय अविभाजित बिहार का हिस्सा था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश पी. के. सिंह घोटाले से संबंधित मामला संख्या आरसी 20 ए/96 में अपना फैसला सुनाते हुए उन्हें दोषी करार दिया है।
लालू प्रसाद यादव के जमानत पर जेल से बाहर आने की सूचना से प्रदेश सरकार में शामिल कई नेता और झारखण्ड की सत्ता पर काबिज झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के नेता के साथ लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक सहयोगी उनके पारिवारिक सदस्य के साथ बेटे भी उन्हें लेने बिरसा मुंडा जेल पहुंचे। लालू यादव के जेल से बाहर आते ही राजद कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाज़ी की।